सेना को गोला-बारूद नहीं देने वाले 13 अफसरों पर गिरेगी गाज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना की जरूरत के मुताबिक समय पर गोलाबारूद उपलब्ध कराने में नाकाम ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के 13 आला अफसरों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने इन अफसरों के परफॉर्मेंस का आंकलन करने के बाद उन्हें रिटायर करने का मन बना लिया है।
50 साल की उम्र पार कर चुके हैं सभी अफसर
इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सर्विस के ये सभी अफसर 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। नियमों के अनुसार, इस आयुसीमा को पार करने वाले अफसरों की परफॉर्मेंस का नए सिरे से आंकलन किया जाता है। रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों के अनुसार, सेना को उसकी जरूरत का गोलाबारूद समय पर सप्लाई करने की जिम्मेदारी इन्हीं अधिकारियों के कंधे पर थी।
यह भी पढ़ें : भारत से लगी सरहद पर चौकसी बढ़ाएगा चीन
उन्हें इसके लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को भी तैयार रखना पड़ता है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना पड़ता है कि सेना को सबसे बेहतर क्वालिटी का साजो-सामान मिले। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने पहली बार ग्रुप ए के इन आला अधिकारियों पर एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई की है।
देश में इस समय 39 आयुध निर्माण ईकाइयां हैं, जिनमें 1718 अफसर काम करते हैं। रक्षा मंत्रालय ने इन सभी अफसरों के कामकाज की समीक्षा करनी शुरू कर दी है। यह कदम कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की हाल में संसद में पेश उस रिपोर्ट के बाद उठाया गया है, जिसमें सेना के पास गोला-बारूद की कमी की बात कही गई थी।
यह भी पढ़ें : संघर्ष विराम उल्लंघन पर पाक ने भारतीय उप उच्चायुक्त को किया तलब
रिपोर्ट में दावा 10 दिन की लड़ाई के लिए भी समुचित गोला-बारूद नही
रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर जंग के हालात बने तो सेना के पास 10 दिन की लड़ाई के लिए भी समुचित गोला-बारूद नहीं है। सीएजी ने 2015 में भी इसी तरह की रिपोर्ट दी थी, उसके बाद भी ऑर्डिनेंस कंपनियों के कामकाज में कोई सुधार नहीं आया। अब केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 13 आला अफसरों को रिटायर करने का फैसला कर ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है।
Created On :   31 Aug 2017 7:37 PM IST