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दैनिक भास्कर हिंदी: दिल्ली : 44 साल बाद बदल जाएगा पुराने कमिश्नर संग नये पुलिस मुख्यालय का पता

हाईलाइट
- दिल्ली : 44 साल बाद बदल जाएगा पुराने कमिश्नर संग नये पुलिस मुख्यालय का पता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिस जोश-ओ-खरोश से दिन-रात तैयारियां चल रही हैं, उससे साफ जाहिर है कि 31 अक्टूबर 2019 यानि गुरुवार को दिल्ली पुलिस अपना भविष्य बदलने के साथ-साथ पता-ठिकाना भी बदल कर ही चैन की सांस लेगी। जिस इतिहास को दिल्ली पुलिस बदलने जा रही है वो कोई चंद एक साल पहले नहीं, बल्कि अब से पूरे चार दशक पहले लिखा गया था।
सन 1975-76 में दिल्ली पुलिस मुख्यालय कश्मीरी गेट से स्थानांतरित करके आईटीओ स्थित इंद्रप्रस्थ मार्ग पर (मौजूदा लोक निर्माण भवन की इमारत में) लाया गया था। करीब 44 साल लंबे इंतजार के बाद अब दिल्ली पुलिस मुख्यालय 31 अक्टूबर को अपने नये पते-ठिकाने यानि नई दिल्ली जिले के जय सिंह मार्ग स्थित किसी किले सी अभेद्य इमारत में शिफ्ट होने को आतुर है।
करीब सौ साल पहले के अतीत पर नजर डालें तो पता चलता है कि सन 1912 (ब्रिटिश हुकूमत) में गुलाम भारत का पुलिस मुख्यालय कश्मीरी गेट में था। जब हिंदुस्तान आजाद हुआ तो दिल्ली पुलिस मुख्यालय बना आज दिल्ली सरकार के पुराने सचिवालय की इमारत में, जहां आजकल डिप्टी कमिश्नर (उपायुक्त) का दफ्तर है। उस जमाने में दिल्ली में पुलिस महानिरीक्षक प्रणाली थी। इसलिए पुलिस मुखिया भी आईजी हुआ करते थे, न कि पुलिस कमिश्नर। 1970 के दशक में (सन 1975 से 1976 के मध्य) पुलिस मुख्यालय कश्मीरी गेट से आईटीओ स्थित इंद्रप्रस्थ मार्ग (वर्तमान पता) पर स्थानांतरित कर दिया गया, लोक निर्माण विभाग की इमारत में।
जुलाई 1976 में दिल्ली पुलिस में आईजी सिस्टम खत्म करके कमिश्नर प्रणाली अमल में लाई गई। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के पहले पुलिस कमिश्नर बने उस वक्त दिल्ली के पुलिस महानिरीक्षक पद पर तैनात जय नारायण चतुर्वेदी (जे.एन चतुवेर्दी)। इनका कुछ समय पहले देहांत हो चुका है।
जेएन चतुवेर्दी से लेकर अब तक (सन 1977 से लेकर अक्टूबर 2019 तक) 43-44 साल में मौजूदा पुलिस मुख्यालय में (आईटीओ वाली बिल्डिंग) प्रीतम सिंह भिंडर (पीएस भिंडर), बजरंग लाल, सुभाष चंद्र टंडन (एससी टंडन), एस.एस. जोग, वेद मारवाह, राजा विजय करण, अरुण भगत, मुकुंद बिहारी कौशल (एम.बी. कौशल), निखिल कुमार, तिलक राज कक्कड़, वीरेंद्र नारायण सिंह, अजय राज शर्मा, राधेश्याम गुप्ता, कृष्ण कांत पॉल, युद्धवीर सिंह डडवाल, नीरज कुमार, भीम सेन बस्सी, आलोक कुमार वर्मा (केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई के सबसे ज्यादा चर्चित पूर्व निदेशक) सहित 20 आईपीएस पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर अच्छे-बुरे दिन देख चुके हैं।
मौजूदा वक्त में पुलिस आयुक्त की कुर्सी पर विराजे आईपीएस अमूल्य पटनायक इस इमारत में बहैसियत पुलिस कमिश्नर बैठने वाले 21वें आईपीएस हैं। इन बीते चार दशकों के लंबे अतीत और अंतराल में इस इमारत में ही यह भी इतिहास में पहली बार हो रहा है कि जब पुलिस कमिश्नर के बजाये पुलिस मुख्यालय की इमारत और उसका पता-ठिकाना ही बदल जाएगा। जबकि नये पुलिस मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर पुराना ही (अमूल्य पटनायक) पहुंचेगा। अमूल्य पटनायक अब तक पूर्व में रिटायर हो चुके 20 पुलिस आयुक्तों में से पहले वो कमिश्नर होंगे, रिटायरमेंट के बाद जिनकी कार को खींचकर तमाम आला आईपीएस अफसरान, मध्य दिल्ली जिले के आईटीओ स्थित पुराने पुलिस मुख्यालय के बजाय, नई दिल्ली जिले में जय सिंह मार्ग पर बने पुलिस मुख्यालय की नई इमारत से कार को खुद खींचकर उन्हें विदाई देने की रस्म अदायगी करेंगे।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक, नई दिल्ली जिले के जयसिंह मार्ग पर तैयार नए पुलिस मुख्यालय में पहली शिफ्टिंग 31 अक्टूबर यानि गुरुवार को हो सकती है। कोशिशें तो इस बात की भी चल रही हैं कि नये पुलिस मुख्यालय की इमारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली पुलिस के हवाले अपने कर-कमलों से करें। अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 44 साल पुराने दिल्ली पुलिस के नाम-पते-ठिकाने को बदलने के गवाह बनेंगे।
इसे इत्तिफाक कहें, संयोग समझा जाये या फिर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस मुखिया की सोची-समझी रणनीति और आपसी सूझबूझ का परिणाम, कि 31 अक्टूबर 2019 को दिल्ली पुलिस जिस नई इमारत में यादों की खुबसूरत इबारत को लिखने जा रही है, उसी दिन आजाद भारत के पहले केंद्रीय गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म-दिवस है, जोकि अपने आप में एक खास दिन है।
यूं तो बिहार राज्य का बीते साल पटना में बना नया पुलिस मुख्यालय भी अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय की नई आलीशान 17 मंजिला इमारत की बात मगर जुदा है। इस पुलिस मुख्यालय की इमारत का निर्माण पब्लिक पार्टनरशिप में किया जा रहा है। जल संचयन से लेकर खुली आव-ओ-हवा के इंतजामात ऐसे जिन्हें देख-सुनकर पहली बार में तो विश्वास ही ना हो।
करीब एक हजार कारों को खड़ा करने के लिए बेसमेंट की डबल स्टोरी पार्किं ग में इंतजाम है। भूकंपरोधिता के खास इंतजामात हैं। पुलिस संग्रहालय यहीं होगा, हर मंजिल पर 12-12 रिहायशी फ्लैट्स बनाए गए हैं। पुलिस कमिश्नर के दो आलीशान दफ्तर हैं। एक दफ्तर दूसरी मंजिल पर जबकि दूसरा 14वीं मंजिल पर। इसके अलावा करीब 150 आला आईपीएस पुलिस अफसरों के बैठने का विशेष इंतजाम।
सुरक्षा का इंतजाम ऐसा कि, कोई भी बिना कार्ड स्वाइप किये देहरी नहीं लांघ पाएगा। पूरा पुलिस मुख्यालय अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो के घेरे में होगा। पहले चरण में यानि 31 अक्टूबर (गुरुवार) को पुलिस अफसरों के चौथी मंजिल तक बने दफ्तरों में बैठने की उम्मीद है। इनमें संयुक्त से लेकर विशेष पुलिस आयुक्त और पुलिस आयुक्त तक शामिल हैं।
नये पुलिस मुख्यालय का निर्माण 8.90 लाख वर्गफीट में किया गया है। इमारत की ऊंचाई 75 मीटर है। मुख्यालय की इमारत एलईडी लाइट्स से जगमगाएगी। खिड़कियों में मौजूद शीशा ऐसा, जो बिजली का उपयोग कम से कम करायेगा। चप्पा-चप्पा सीसीटीवी की जद में होगा। संदिग्ध और अनियंत्रित वाहन को काबू करने के लिए बूम-बैरियर और अत्याधुनिक रोड-ब्लॉकरों की भरमार है।
पुलिस अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श के लिए हाई-रेजूलेशन वाले वीडियो प्रोजेक्टर्स हैं। जिस कंपनी ने किसी किले सी मजबूत इस इमारत को बनाया है, वही कंपनी 15 साल तक इसकी देखरेख करेगी। 31 मार्च 2016 को शुरू हुआ निर्माण कार्य धीरे-धीरे अंतिम दिशा में ही बढ़ रहा है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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