राजीव गांधी से वापस लिया जाए भारत रत्न, दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित
- 1991 में राजीव गांधी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
- दिल्ली विधानसभा ने यह प्रस्ताव राजीव गांधी को 1984 सिख दंगों को दोषी मानते हुए पारित किया।
- दिल्ली विधानसभा ने राजीव गांधी को दिये गए भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया। विधानसभा ने यह प्रस्ताव राजीव गांधी को 1984 सिख दंगों का दोषी मानते हुए पारित किया। प्रस्ताव के अनुसार राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की मौत के बाद विवादित बयान देकर सिख दंगों को भड़काया था। हालांकि कुछ AAP नेताओं के द्वारा अब यह कहा जा रहा है कि जिस प्रस्ताव को पेश किया गया था, उसमें राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की लाइन बाद में जोड़ी गई थी, और वह मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थी। ऐसे में जो प्रस्ताव पास हुआ है, उसमें सिख विरोधी दंगे की निंदा की गई है लेकिन उसमें राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की कोई बात नहीं है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) को एक पत्र लिखेगी और इस मामले की कड़ी से कड़ी निंदा करेगी। प्रस्ताव के अनुसार भारत के इतिहास में सबसे खराब "नरसंहार" के पीड़ितों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है और इसे बार-बार टाल दिया जाता है। बता दें कि 1991 में राजीव गांधी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
Jarnail Singh,AAP MLA: Delhi Assembly today declared 1984 anti-Sikh riots as worst genocide in the history of India’s national capital. In a resolution that has been passed today we have demanded from the Centre that Bharat Ratna should be withdrawn from Former PM Rajiv Gandhi. pic.twitter.com/g9uskxBe36
— ANI (@ANI) December 21, 2018
इससे पहले बीजेपी भी राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न को वापस लेने की मांग कर चुका है। वहीं हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने भी राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न को वापस लेने और उनके नाम से देश में चल रही सभी योजनाओं से उनका नाम हटाने की मांग की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एचएस फूलका ने भी राजीव गांधी को यह सम्मान देने का विरोध किया था और कहा था कि इस पूर्व प्रधानमंत्री ने सिख दंगों को भड़काने वाले बयान दिया था। फूलका ने कहा था कि ऐसे पीएम को कभी भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सहमति से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 3 जून से लेकर 9 जून, 1984 तक ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। इसको लेकर सिख कम्युनिटी में काफी नाराजगी थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षक ने उनकी हत्या कर दी थी। इसको लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था, "जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती कांपती है।" बताया जाता है इस बयान के बाद देशभर में सिखों का कत्लेआम शुरू हो गया था। इन दंगों में 3000 से ज्यादा मौतें हुई थी।
बहरहाल, दिल्ली विधानसभा ने इसपर निर्णय ले लिया है और यह AAP और कांग्रेस पार्टी के बीच टकराव का कारण बन सकता है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार अब इस पर क्या निर्णय लेती है।
Created On :   21 Dec 2018 8:56 PM IST