मानहानि मामला : गडकरी-दिग्विजय में सुलह, मामले को और नहीं खींचना चाहते

Delhi Court gives relief to nitin gadkari and Digvijay singh in defamation case
मानहानि मामला : गडकरी-दिग्विजय में सुलह, मामले को और नहीं खींचना चाहते
मानहानि मामला : गडकरी-दिग्विजय में सुलह, मामले को और नहीं खींचना चाहते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को संयुक्त रूप से मानहानि के मामले को सुलझाने की अनुमति दे दी है। दिल्ली की एक कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नितिन गडकरी और दिग्विजय सिंह के मानहानि मामले में पूर्व में दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत वापस लेने के लिए संयुक्त आवेदन देने की अनुमति दी गई है। हालांकि मीडिया में दिग्विजय सिंह की तरफ से माफी मांगने की खबरें सामने आने के बाद दिग्विजय ने बुधवार सुबह अपने और नितिन गडकरी के संयुक्त लेटर को जारी करते हुए लिखा कि ""ये वो एग्रीमेंट है जिस पर मैंने और गडकरी जी ने साइन किए हैं। इसमें किसकी तरफ से खेद जताया या माफी मांगी गई है ?""

 

 

सड़क परिवहन, राजमार्गों नौवहन एवं जल संसाधन नदी विकास कायाकल्प के मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन समर विशाल के सामने गडकरी ने पहले निजी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि मैं और दिग्विजय सिंह संयुक्त रूप से कोर्ट में आवेदन दायर करते हैं।

संयुक्त याचिका में कहा गया है कि हम दोनों ही नेताओं ने निजी तौर पर मुलाकात करते हुए मामले को समाप्त करने के लिए सहमत हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस बात पर सहमति बनाने की कोशिश की, कि राजनितिक गलियारे में इस प्रकार की बयानबाजी हो जाती है। जिसे साबित करने की जरुूत नहीं है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए और जनता की सेवा के संकल्प को ध्यान में रखते हुए दोनों ही नेता मुकदमे को खत्म करने पर सहमत हो गए है। कोर्ट ने गडकरी की शिकायत को वापस लेने की मांग को स्वीकार कर लिया है।

 

मामला सुलझा, दोनों नेता इसे और नहीं खींचना चाहते

कोर्ट ने मान लिया है कि यह मामला अब अच्छी तरफ से सुलझ गया है, साथ ही दोनों नेता मानहानि मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा के सांसद अजय संचेती और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के व्यापारिक संबंध रहे हैं, बाद में कोर्ट ने अनुचित बयान में दिसंबर 2012 में कांग्रेस नेता को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रथम पक्ष के रुप में सबूत होने पर अभियुक्त के रुप में कोर्ट में पेश होने को कहा था। बाद में गडकरी से दिग्विजयसिंह  ने माफ़ी मांग ली थी।  

बता दें कि दिग्विजय सिंह पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दायर किया था। कोर्ट में नितिन गडकरी ने संचेती के साथ किसी भी प्रकार के उनके साथ संबंधों से मना कर दिया था और कहा कि सिंह ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठे और बदनामी के आरोप लगाए हैं जो बेबुनियाद है। उन्होंने यह भी कहा कि कोयले की खानों के आवंटन के लिए सिर्फ वो ही जिम्मेदार है। अपनी याचिका में गडकरी ने कहा कि सिंह ने बड़े पैमाने पर जनता में मेरी गरिमा कम करने और मेरी छवि को बदनाम करने और खराब करने के उद्देश से मेरे खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए थे।

Created On :   29 May 2018 4:25 PM GMT

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