पनडुब्बी लीक मामले में दिल्ली की अदालत ने नौसेना के पूर्व अधिकारियों को दी जमानत

Delhi court grants bail to former Navy officers in submarine leak case
पनडुब्बी लीक मामले में दिल्ली की अदालत ने नौसेना के पूर्व अधिकारियों को दी जमानत
दिल्ली पनडुब्बी लीक मामले में दिल्ली की अदालत ने नौसेना के पूर्व अधिकारियों को दी जमानत
हाईलाइट
  • कथित लीक से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार नौसेना के पूर्व अधिकारियों समेत तीन को जमानत दे दी है
  • लोक अभियोजक रमन कुमार ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने किलो श्रेणी की पनडुब्बी की संवेदनशील जानकारी के कथित लीक से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार नौसेना के पूर्व अधिकारियों समेत तीन को जमानत दे दी है।

एजेंसी के आरोप पत्र और उसके दस्तावेजों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि उसके समक्ष दायर आरोप पत्र अधूरा है, क्योंकि सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत की जा रही जांच के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है।

हाल के अदालत के आदेश के अनुसार, विशेष न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने कहा कि हालांकि एजेंसी ने 2 नवंबर को 60 दिनों के भीतर अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी थी, लेकिन दस्तावेज अधूरे हैं, क्योंकि उनमें ओएसए के तहत जांच के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है, जिससे आरोपी जमानत के लिए पात्र हो जाता है।

अदालत ने आरोपी को सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर सशर्त जमानत दे दी।

आरोपितों को इस मामले से जुड़े किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं करने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि वे गवाहों को प्रभावित करने या किसी भी तरह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं करेंगे।

अदालत के निर्देश के अनुसार, वे जांच अधिकारी से यह सुनिश्चित करने के बाद ही दिल्ली छोड़ेंगे कि आगे की जांच के लिए वह जरूरी नहीं हैं और वे जांच की आवश्यकता के लिए अधिकारी को प्रदान किए जाने वाले अपने फोन नंबरों पर उपलब्ध रहेंगे और जांच के संबंध में रिपोर्ट करेंगे।

लोक अभियोजक रमन कुमार ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया।

आरोपी सेवानिवृत्त कमांडर एस. जे. सिंह और सेवानिवृत्त कमोडोर रणदीप सिंह को अवैध घूस के लिए कुछ दस्तावेजों से संबंधित निविदा के संबंध में आंतरिक जानकारी लीक करने के आरोप में 2 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।

अधिवक्ता भरत चुघ, यशप्रीत सिंह और एकजोत भसीन ने रणदीप सिंह का प्रतिनिधित्व किया और अधिवक्ता सुमित कुमार ने टी. पी. शास्त्री का प्रतिनिधित्व किया, जो हैदराबाद स्थित निजी फर्म एलन रीइनफोस्र्ड प्लास्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड (एआरपीपीएल) के कार्यकारी निदेशक हैं। उन्हें आठ सितंबर को जांच के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।

3 सितंबर को सामने आए इस मामले में एजेंसी ने नौसेना के दर्जनों वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   22 Nov 2021 10:30 PM IST

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