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उन्नाव रेप केस: सेंगर के खिलाफ कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, अब 16 दिसंबर का इंतजार

हाईलाइट
- दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव रेप मामले मेंअपना फैसला सुरक्षित रख लिया
- भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर इस मामले के मुख्य आरोपी हैं
- जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा 16 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाएंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव रेप मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा 16 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाएंगे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को इस मामले में अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं और बचाव पक्ष के गवाहों के बयानों की रिकॉर्डिंग 2 दिसंबर को हो गई थी।
कुलदीप सिंह सेंगर पर एक नाबालिग का अपहरण और रेप करने का आरोप लगा है। 8 अप्रैल, 2018 को यह मामला सुर्खियों में उस वक्त आया जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्महत्या करने की कोशिश की। अदालत ने मामले में सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं।
जुलाई में सेंगर पर आरोप लगाने वाली महिला की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जबकि दुर्घटना में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई थी। पीड़िता के चाचा ने इस मामले में रायबरेली के गुरुबख्शगंज पुलिस स्टेशन में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
कुलदीप सेंगर ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत नब्बे के दशक के अंत में की था, लेकिन 2002 में वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए और उन्नाव सदर सीट से अपना पहला चुनाव जीता। यह पहला मौका था जब बसपा ने यह सीट जीती। इसके बाद सेंगर समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए और 2007 में बांगरमऊ सीट जीती। 2012 में उनसे उन्नाव की भागवत नगर सीट से चुनाव लड़ने को कहा गया, जिस पर सेंगर ने जीत दर्ज की।
सेंगर की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंगर ने लगातार तीन बार चुनाव जिले की तीन अलग-अलग सीटों से जीता। समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से मुलायम सिंह के बाहर जाने के बाद सेंगर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया और बांगरमऊ सीट से 2017 का विधानसभा चुनाव जीता।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।