सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद वाले कार्यक्रम पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

Delhi High Court refuses to stay on Sudarshan TVs UPSC Jihad program
सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद वाले कार्यक्रम पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार
सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद वाले कार्यक्रम पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार
हाईलाइट
  • सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद वाले कार्यक्रम पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुदर्शन टीवी के बिंदास बोल कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुदर्शन टीवी के प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा प्रसारित करने जा रहा है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल न्यायाधीश पीठ ने केंद्र और सुदर्शन न्यूज को एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जो कि वकील शादान फरसाट के माध्यम से दायर की गई थी, जिसमें केंद्र सरकार के सरकारी सेवाओं में कथित मुस्लिम घुसपैठ से जुड़े कार्यक्रम को प्रसारित करने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता सैयद मुजतबा अतहर और कुछ अन्य लोगों ने अपनी याचिका में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिया गया आदेश एक नॉन स्पीकिंग ऑर्डर है।

दलील में आगे कहा गया है कि केबल टीवी अधिनियम की धारा-5, 19 और 20 के तहत और 29 अगस्त को अदालत के निर्देश के बावजूद लागू किया गया आदेश कार्यक्रम संहिता (प्रोग्राम) का उल्लंघन है।

दलील में कहा गया है, मूल्यांकन को केवल उत्तरदाताओं नंबर-2 (सुदर्शन न्यूज) और नंबर-3 (एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाण) के एक बयान पर छोड़ दिया गया है कि प्रोग्राम कोड का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

उक्त कार्यक्रम न्यूज चैनल के बिंदास बोल सीरीज का हिस्सा है, जिसकी मेजबानी चव्हाण द्वारा की जाती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा कि वह किसी कार्यक्रम को पूर्व-सेंसर या इसे टेलीकास्ट होने से रोक नहीं सकता है।

आदेश में कहा गया है, जब कार्यक्रम टेलीकास्ट होता है और कानून का कोई उल्लंघन पाया जाता है, तब कार्रवाई की जा सकती है।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग में मुस्लिम समुदाय के चयन के मुद्दे पर दिखाए जाने वाले इस टीवी कार्यक्रम के प्रसारण पर अस्थायी रूप से रोक लगाई थी।

दरअसल सुदर्शन टीवी ने सोशल मीडिया पर अपने कार्यक्रम का एक प्रोमो वीडियो जारी किया था, जिसे काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रस्तावित प्रसारण में जामिया मिलिया इस्लामिया, उसके पूर्व छात्रों और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणा और नफरत फैलाने की कोशिश की गई है।

एकेके/आरएचए

Created On :   11 Sept 2020 10:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story