विकासशील देश वैश्वीकरण चाहते हैं जो जलवायु, ऋण संकट को रोकता है: प्रधानमंत्री

Developing countries want globalization that prevents climate, debt crisis: PM
विकासशील देश वैश्वीकरण चाहते हैं जो जलवायु, ऋण संकट को रोकता है: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली विकासशील देश वैश्वीकरण चाहते हैं जो जलवायु, ऋण संकट को रोकता है: प्रधानमंत्री
हाईलाइट
  • भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी काफी प्रगति की है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विकासशील देश वैश्वीकरण चाहते हैं, जिससे जलवायु या ऋण संकट पैदा न हो। उन्होंने कहा कि विकासशील देश अंतर्राष्ट्रीय परि²श्य के बढ़ते विखंडन से भी चिंतित हैं, ये भू-राजनीतिक तनाव हमें अपनी विकास प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने से विचलित करते हैं। वे खाद्य, ईंधन, उर्वरक और अन्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं।

इस भू-राजनीतिक विखंडन के समाधान के लिए, हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ब्रेटन वुड्स संस्थानों सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मौलिक सुधार की तत्काल आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि इन सुधारों को विकासशील दुनिया की चिंताओं की आवाज पर ध्यान देना चाहिए और 21वीं सदी की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने वर्चुअल वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में यह बातें कही। हम सभी वैश्वीकरण के सिद्धांत की सराहना करते हैं। भारत ने दुनिया को हमेशा एक परिवार के रूप में देखा है। हालांकि, विकासशील देश एक ऐसे वैश्वीकरण की इच्छा रखते हैं जो जलवायु संकट या ऋण संकट पैदा न करे। हम वैश्वीकरण चाहते हैं जो समग्र रूप से मानवता के लिए समृद्धि और कल्याण लाए। संक्षेप में, हम मानव-केंद्रित वैश्वीकरण चाहते हैं।

इस बीच, उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत ग्लोबल-साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा। शिखर सम्मेलन में अपनी टिप्पणी में, उन्होंने कहा कि यह संस्था हमारे किसी भी देश के विकास समाधानों या सर्वोत्तम प्रथाओं पर शोध करेगी, जिसे ग्लोबल साउथ के अन्य सदस्यों में बढ़ाया और लागू किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, भारत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक-भुगतान, स्वास्थ्य, शिक्षा, या ई-गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में विकसित डिजिटल सार्वजनिक सामान, कई अन्य विकासशील देशों के लिए उपयोगी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी काफी प्रगति की है। हम अन्य विकासशील देशों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए वैश्विक-दक्षिण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहल शुरू करेंगे।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   13 Jan 2023 11:30 PM IST

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