क्या दिल्ली पुलिस की मॉक ड्रिल ने जहांगीरपुरी में पीएफआई सदस्यों को किया अलर्ट?
- छापेमारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रतिबंधित हो चुके पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के दौरान, दिल्ली में लगभग छह ठिकानों पर छापे मारे गए। लेकिन संवेदनशील दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी को छोड़ दिया गया, जिससे कई सवाल भी उठे। सूत्रों ने दावा किया है कि, क्षेत्र में दंगा विरोधी मॉक ड्रिल ने एजेंसियों को अंतिम समय में अपनी योजना बदलने के लिए मजबूर किया।
त्योहारी सीजन के दौरान पुलिस और एजेंसियों की तैयारियों को लेकर 22 सितंबर को दंगा रोधी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। सूत्रों ने दावा किया कि, हो सकता है कि ड्रिल ने संदिग्ध पीएफआई कैडरों को सतर्क कर दिया हो, जो इलाके से भाग गए हों। सूत्रों ने यह भी कहा कि, राजधानी भर में छापेमारी के दौरान एजेंसियां इस इलाके में भी छापेमारी करना चाहती थीं।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसियों ने जहांगीरपुरी को अपनी छापेमारी सूची में रखा था, लेकिन मॉक ड्रिल ने सभी को सतर्क कर दिया, जिसके बाद एजेंसियों ने अपनी योजना से इस क्षेत्र को छोड़ने का फैसला किया। सूत्र ने कहा कि, मॉक ड्रिल गलत समय पर आयोजित की गई थी, जिससे हो सकता है कि आरोपी इलाके से भाग गए हों।
सूत्रों ने दावा किया, हम मानते हैं कि कुछ पीएफआई सदस्य जहांगीरपुरी में रह रहे थे, लेकिन मॉक ड्रिल, जिसे गलती कहा जा सकता है, उसने उन्हें सतर्क कर दिया। उन्होंने यह मान लिया होगा कि सरकार एक बड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है और वह भाग गए। जब देशभर के अलावा दिल्ली में कई जगहों पर छापे मारे गए तब जहांगीरपुरी में कोई छापेमारी नहीं हुई, यह कैसे संभव था, सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी योजना क्यों बदल दी, अगर जहांगीरपुरी पहले उनकी सूची में था, तो छापेमारी से पहले मॉक ड्रिल क्यों किया गया?
जहांगीरपुरी दंगे का आरोपी तबरेज शांति समिति का सदस्य था और जिले में आयोजित होने वाली तिरंगा यात्रा का भी सदस्य था, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी इससे अनजान थे। मॉक ड्रिल के दौरान कथित तौर पर एसओपी का भी पालन नहीं किया गया। एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जामिया, शाहीन बाग, निजामुद्दीन, रोहिणी के अमन विहार, उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में छापेमारी की। 27 सितंबर को, एजेंसियों ने दूसरे दौर की छापेमारी की जिसके बाद पीएफआई और उसके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
अब संभावना है कि दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारी या गृह मंत्रालय इस पर रिपोर्ट मांग सकते हैं। आईएएनएस ने एक आधिकारिक उद्धरण के लिए पहुंचने की कोशिश की, लेकिन इस मामले पर टिप्पणी करने के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से कोई भी सामने नहीं आया।
आईएएनएस
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Created On :   2 Oct 2022 5:00 PM IST