हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत और ब्रिटेन की रॉयल नेवी के बीच चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत और ब्रिटेन की रॉयल नेवी के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। इसके साथ ही दोनों देशों के नौसेना प्रमुखों ने रक्षा क्षेत्र के उभरते खतरों से निपटने, समुद्री क्षमता और नौसेना सहयोग पर भी चर्चा की है। ब्रिटेन की रॉयल नेवी के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ और फस्र्ट सी लॉर्ड सर बेन की नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए हुए हैं।
सर बेन की भारतीय नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के साथ आधिकारिक बातचीत की। नौसेनाध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के दौरान आपसी हित के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया। बैठक के एजेंडा में रक्षा क्षेत्र के उभरते खतरों से निपटने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता को और बढ़ाने के उद्देश्य से समुद्री क्षमता विकास तथा अधिक से अधिक नौसेना सहयोग शामिल था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति सहयोगात्मक ²ष्टिकोण रखने के लिए चर्चा में दोनों देशों द्वारा इसके महत्व पर जोर दिया गया।
अपनी यात्रा के दौरान सर बेन की ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर जाकर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को वर्ष 2004 में एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा पारस्परिक यात्राओं के माध्यम से इसे और सशक्त किया गया था। अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान घोषित भारत-ब्रिटेन संयुक्त बयान के अनुसार भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच सहयोगात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाया गया है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त बयान में भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ के रूप में रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए रूपान्तरित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच आपसी सहयोग में कोंकण द्विपक्षीय अभ्यास और संयुक्त सेवा अभ्यास कोंकण शक्ति, प्रशिक्षण का आदान-प्रदान तथा विभिन्न क्षेत्रों में समुद्री सूचना एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों के आदान-प्रदान जैसी परिचालन संबंधी गतिविधियां शामिल हैं। इसके अलावा, दोनों नौसेनाओं के युद्धपोत नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर पोर्ट कॉल करते हैं। यह विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व के बाद से अधिक हो गया है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि फस्र्ट सी लॉर्ड सर बेन की वर्तमान यात्रा ब्रिटिश नौसेना के साथ भारतीय नौसेना के संबंधों का एक और उल्लेखनीय पहलू है। साथ ही यह दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ते संबंधों का एक उत्कृष्ट एकीकरण है।
(आईएएनएस)
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Created On :   3 March 2023 9:00 PM IST