उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन विधेयक पर चर्चा

Discussion on amendment bill in salary, service conditions of higher judiciary
उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन विधेयक पर चर्चा
लोकसभा उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन विधेयक पर चर्चा
हाईलाइट
  • विधेयक पर बहस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । लोकसभा ने मंगलवार को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों (वेतन और सेवा की शर्ते) संशोधन विधेयक, 2021 पर विचार किया जिसमें कई सदस्यों ने बड़ी संख्या में लंबित मामलों पर चिंता जताई।

पिछले हफ्ते कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा पेश किए गए विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने शीर्ष अदालतों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु का मुद्दा उठाया क्योंकि उन्होंने अदालतों में लंबित मामलों की खतरनाक संख्या पर ध्यान दिया।

इस बीच भाजपा के पी.पी. चौधरी ने सरकार से न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि पिछले दो साल में भारत ने हर मिनट 23 मामले जोड़े हैं।

बनर्जी ने विधेयक पर बहस करते हुए कहा आज हमारी न्याय प्रणाली गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। लगभग 58 लाख मामले उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अकेले राजस्थान में ही उच्च न्यायालय में पांच लाख से अधिक मामले लंबित हैं और कई मामले फास्ट ट्रैक अदालतों में भी लंबित हैं।

तृणमूल नेता ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेजियम उन वकीलों की सिफारिश करता है जो भारतीय जनता पार्टी के करीबी हैं और हाल ही में तीन महिला वकीलों के नामों की सिफारिश की गई थी लेकिन उन्हें कभी जज नहीं बनाया गया।

उन्होंने पूछा क्या केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 144 का उल्लंघन नहीं कर रही है? उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने न्याय प्रणाली की दुर्दशा को उजागर करते हुए एक अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। फिर उनमें से एक भारत का प्रधान न्यायाधीश बना और सेवानिवृत्ति के बाद वह राज्यसभा सदस्य बन गया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   7 Dec 2021 8:00 PM GMT

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