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दैनिक भास्कर हिंदी: जगदीश टाइटलर और उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जांच शुरू

हाईलाइट
- जगदीश टाइटलर और उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज, जांच शुरू
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और उनकी पत्नी सहित कई लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।
दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मामला जाली दस्तावेजों के बलबूते करोड़ों रुपये की जमीन कब्जाने का है। यह जमीन पहले रिहायशी इलाके में थी। बाद में जब व्यावसायिक श्रेणी में आई तो उसकी कीमत करोड़ों की हो गई। विवादित जमीन मध्य दिल्ली के करोलबाग इलाके में स्थित बताई जाती है।
दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त ओ.पी. मिश्रा ने आईएएनएस से टाइटलर और उनकी पत्नी जेनीफर टाइटलर सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, इसी साल 9 जुलाई को एफआईआर नंबर 0124 पर मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच जारी है। फिलहाल अभी सिर्फ एफआईआर के आधार पर किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच पाना मुश्किल है।
आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दिल्ली स्थित पटियाला हाउस अदालत के आदेश के बाद दर्ज की है।
सूत्रों के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने करीब एक साल पहले ही मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा तक पहुंचा दिया था ताकि शाखा एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच कर सके।
शिकायतकर्ता विजय सेखरी ने आईएएनएस से कहा, जब महीनों दौड़ने के बाद भी दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा ने केस दर्ज नहीं किया तो मैं पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा। कोर्ट में तलब किए जाने पर आर्थिक अपराध शाखा ने वहां बताया कि मिली शिकायत में दर्ज आरोपियों के हस्ताक्षर के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इस पर अदालत ने जो फाइलें देखीं उसके बाद उसने तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश आर्थिक अपराध शाखा को दे दिए। उसी के बाद शाखा ने एफआईआर दर्ज की।
एफआईआर दर्ज कराने वाले विजय सेखरी दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहते हैं।
एफआईआर में नामजद आरोपियों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर, उनकी पत्नी जेनीफर टाइलर के साथ-साथ तमिलनाडु की सन रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई के वेंकटासुभा राव, विजय भास्कर, रविंद्र नाथ बाला कवि, मैसर्स गोल्डन मूमेंट्स करोलबाग, राकेश वधावन (कमला नगर दिल्ली), दिल्ली के संजय ग्रोवर, हरीश मेहता का भी नाम शामिल है।
इस पूरे मामले को लेकर आईएएनएस ने कई बार जगदीश टाइटलर से उनका पक्ष जानने को लेकर बात करने की कोशिश की। कई बार प्रयास के बाद भी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
एफआईआर में दर्ज विवरण और शिकायतकर्ता के मुताबिक, मामला 1990 के दशक का है। विजय सेखरी और जगदीश टाइटलर दोनो पक्षों और उनकी फर्मों ने संयुक्त रूप से मिलकर 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी में मध्य दिल्ली के करोलबाग इलाके में दो रिहाइशी संपत्तियां खरीदी थीं। सन 2013 में दोनों संपत्तियां रिहाइशी से बदलकर व्यवसायिक श्रेणी में शामिल कर ली गईं।
शिकायतकर्ता विजय सेखरी के मुताबिक, सन 2009 के आसपास पता चला कि जगदीश टाइटर पक्ष ने संपत्तियों के दस्तावेज अपने पक्ष में कर लिए हैं। लिहाजा हम लोग हक पाने के लिए कंपनी लॉ बोर्ड चले गए। कंपनी लॉ बोर्ड ने दोनों संपत्तियों की कीमत 90 करोड़ आंकी थी। साथ ही आदेश दिया कि हमारे पक्ष को हमारा हिस्सा दे दिया जाए। कंपनी लॉ बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ जगदीश टाइटलर पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट ने संपत्तियों की कीमत दुबारा पता करवाई। हाईकोर्ट ने भी यही आदेश दिया कि हमारा हिस्सा जो बनता है वो शेयर हमारे पक्ष को दे दिया जाये।
सन 2017 में हाईकोर्ट के फैसले को लेकर आरोपी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। शिकायतकर्ता विजय सेखरी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुकुल मुद्गल से री-वेल्यूशन कराया। तब दोनों संपत्तियों की कीमत करीब 270 करोड़ निकल कर सामने आई। सुप्रीम कोर्ट ने भी उस रकम में से हमारा हिस्सा करीब 25 फीसदी का शेयर (करीब 60-65 करोड़) हमें देने को कहा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, दोनो संपत्तियों की नीलामी की जाए। तभी यह पैसा इकट्टठा हो पायेगा।
सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया कि जिन विवादित संपत्तियों को नीलाम करना है, उनमें किराएदार रह रहे हैं। ऐसे में उनकी बिक्री असंभव है। लिहाजा पहले किराएदारों से संपत्तियों को मुक्त कराया जाए।
विजय सेखरी ने आईएएनएस को बताया कि बाद में हमारे पक्ष को आरटीआई के जरिये पता चला कि तमाम दस्तावेज, खासकर विवादित संपत्तियों में किरायेदार मौजूद होने संबंधी दस्तावेज, कथित रुप से हेर-फेर करके तैयार किए गए हैं। तब मैंने दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा का रुख किया। जहां महीनों पड़ताल के बाद भी रिजल्ट जीरो रहा। तब मुझे अदालत से एफआईआर करा कर जल्दी से जल्दी जांच पूरी कराने की दरखास करनी पड़ी।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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