17वीं लोकसभा का पहला सत्र आज होगा शुरू, ट्रिपल तलाक जैसे बिल, बजट पर रहेगा फोकस
- 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है
- संसद का सत्र 26 जुलाई तक जारी रहेगा
- सरकार इस सत्र में ट्रिपल तालाक जैसे विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार इस सत्र में विवादास्पद ट्रिपल तालाक विधेयक सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विधेयकों को नए सिरे से पारित कराने का प्रयास करेगी। संसद का सत्र 26 जुलाई तक जारी रहेगा।
सत्र के शुरू होने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और प्रमुख विधेयकों के लिए विपक्ष का समर्थन हासिल करने की कोशिश की। उन्होंने 19 जून को "एक राष्ट्र, एक चुनाव" मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी दलों के प्रमुखों को एक बैठक में आमंत्रित किया है।
इस लोकसभा में कई नए चेहरों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद के निचले सदन का पहला सत्र "नए जोश और नई सोच के साथ" शुरू होना चाहिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आश्वासन दिया कि जो बिल लोगों के हित में हैं, उनका विरोध नहीं किया जाएगा।
सत्र के पहले दो दिनों में नवनिर्वाचित निचले सदन के 542 सदस्य शपथ ग्रहण करने की संभावना है। जबकि तमिलनाडु में वेल्लोर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव से पहले बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद के लिए चुनाव रद्द कर दिया गया था। दो और सांसदों को एंग्लो इंडियन समुदाय से सरकार का नामित किया जाना बाकी है।
सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह की देखरेख मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से चुने गए प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार करेंगे। लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव 19 जून को होगा और उसके बाद दोनों सदनों की संयुक्त बैठक 20 जून को होगी। राष्ट्रपति अपना अभिभाषण भी देंगे।
मुख्य विपक्ष, कांग्रेस को अभी भी संसद में अपने प्रतिनिधियों पर फैसला करना है। जबकि पार्टी प्रमुख राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पद छोड़ने पर जोर दे रहे थे, उनके निर्णय को अभी पार्टी सदस्यों ने स्वीकार नहीं किया है।
सभी की निगाहें केंद्रीय बजट पर भी हैं, जिसे 5 जुलाई को नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रस्तुत करेंगी। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण जारी होगा।
इन महत्वपूर्ण बिलों पर रहेगी नजर:
इस हफ्ते की शुरुआत में, मंत्रिमंडल ने तत्काल तलाक या ट्रिपल तालक की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक ताजा विधेयक को मंजूरी दी थी। पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के साथ, पिछला बिल समाप्त हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था। विधेयक को विपक्षी दलों की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इस बार भी सरकार बहुमत के अभाव में राज्यसभा में समर्थन के लिए विपक्ष पर निर्भर है।
सभी की निगाहें विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर भी हैं। 16वीं लोकसभा के भंग होने के साथ राज्यसभा में लंबित यह बिल भी पिछले महीने समाप्त हो गया। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं, जैनियों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को भारत में 12 साल के बजाय सात साल के निवास के बाद भारतीय नागरिकता का प्रावधन किया गया है। यहां तक कि अगर उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है तब भी।
इनके अलावा, सरकार आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 भी पेश करेगी, जिसे इस सप्ताह के शुरू में कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। महिला आरक्षण विधेयक, जो संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना चाहता है, पर भी चर्चा की जाएगी।
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन विधेयक), 2019, और होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन विधेयक), 2019 को भी सत्र में पेश किया जाएगा।
Created On :   16 Jun 2019 11:07 PM IST