पिछले साल जून में इस संगठन का सदस्य बना भारत पहली बार इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है। एससीओ शांति मिशन नाम से इस युद्ध अभ्यास का आयोजन हर 2 साल में किया जाता है। वहीं इस बार यह आयोजन रूस में 22 से 29 अगस्त के बीच हो रहा है।
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साथ में युद्ध अभ्यास कर रहे भारत-पाक, कांग्रेस बोली - आंतक की अम्मा के साथ एक्सरसाइज क्यों ?
हाईलाइट
- साथ में युद्ध अभ्यास कर रहे हैं भारत पाक के सैनिक।
- सीमा पर जारी तनाव के कारण दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है।
- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युद्ध अभ्यास करा रहा है।
डिजिटल डेस्क, मॉस्को। भारत पाकिस्तान के बीच आतंकवाद और सीमा पर जारी तनाव के कारण बातचीत बंद है, लेकिन इसी बीच भारत और पाक के सैनिक साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभ्यास कर रहे हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ये युद्ध अभ्यास करा रहा है, जिसका मकसद आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ सदस्य देशों को एक साथ खड़ा करना है। इस संगठन में भारत, चीन पाकिस्तान, में रूस, चीन, किरगिस्तान, कजाकिस्तान और उजबेकिस्तान समेत सभी सदस्य राष्ट्र हिस्सा ले रहे हैं। भारत को छोड़कर लगभग सभी देशों के करीब तीन-तीन हजार सैनिक इस सैन्य अभ्यास में शामिल हैं।
पाक की सेना के साथ भारत के सैन्य अभ्यास पर कांग्रेस ने करारा हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए सरकार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि भारत 'आंतक की अम्मा' पाकिस्तान के साथ आतंक विरोधी सैन्य अभ्यास क्यों कर रहा है?


सुरजेवाला ने सरकार से पूछा कि पहले आपने 2016 में ISI से पठानकोट हमले की जांच करवाई और अब आतंक की अम्मा पाकिस्तान के साथ आतंक विरोधी सैन्य अभ्यास क्यों किया जा रहा है।
बढ़ेगा आपसी विश्वास
चीन के अनुसार इस आयोजन से सदस्य देशों के बीच आपसी तालमेल, विश्वास बढ़ेगा, वहीं सैनिक आपस में श्रेष्ठ रणनीति साझा कर पाएंगे। संगठन का पिछला युद्ध अभ्यास मुख्य रूप से मध्य एशियाई देशों के बीच हुआ था।
भारत के 200 सैनिक ले रहे हैं हिस्सा
इस संयुक्त अभ्यास में 200 भारतीय सैनिक शामिल हैं। जिनमें सेना और वायु सेना के जवान निशानेबाजी, रणनीति संचालन, युद्ध अनुकूलन और हस्तक्षेप सहित कई तरह की ट्रेनिंग ले रहे हैं। भारत की ओर से इस अभ्यास में राजपूत रेजिमेंट के जवानों समेत थल सेना के 167 जवान और वायु सेना के 33 जवान भाग ले रहे हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।