मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम ने 42 दिन बाद निकाला पहला शव, 14 की तलाश जारी

First worker body remains extracted from Meghalaya mine collapse
मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम ने 42 दिन बाद निकाला पहला शव, 14 की तलाश जारी
मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम ने 42 दिन बाद निकाला पहला शव, 14 की तलाश जारी
हाईलाइट
  • 42 दिन बाद करीब 200 फीट की गहराई से रेस्क्यू टीम ने इस शव को निकाला है।
  • इस खदान में अभी भी 14 मजदूर है जिसके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
  • मेघालय की अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों में से एक का शव रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को निकाल लिया है।

डिजिटल डेस्क, शिलॉन्ग। मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स की अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों में से एक का शव रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को निकाल लिया है। 42 दिन बाद करीब 200 फीट की गहराई से रेस्क्यू टीम ने इस शव को निकाला है। शव मिलने के बाद उसे प्रशासनिक अधिकारी पीएस सीपुंग को सौंप दिया गया जिन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस खदान में अभी भी 14 मजदूर है जिसके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पिछले हफ्ते, इंडियन नेवी ने अंडर वॉटर रिमोट व्हीकल की मदद से एक शव का पता लगाया था। ये 160 फीट की गहराई में था जबकि रेट होल से इसकी दूरी 210 फीट थी। नेवी और एनडीआरएफ की जॉइंट टीम इस रेस्क्यू ऑपरेशन को चला रही है।

बता दें कि 370 फीट गहरी इस अवैध खदान 13 दिसंबर को मजदूर उतरे थे। कुछ देर बाद अचानक पास बहने वाली लैटीन नदी का पानी इस खदान में भर गया। हालांकि पानी भरने से पहले पांच मजदूर बाहर निकल आए थे। असम के चिरांग जिले के साहिब अली ने बताया था कि वह उन पांच लोगों में से एक है जो पास की एक नदी के पानी आने से ठीक पहले खदान से बाहर आने में कामयाब रहे थे। साहिब अली ने कहा था "मैं कोयले से भरी गाड़ी को खींचते हुए खदान के अंदर करीब 5 से 6 फीट अंदर था। कुछ अज्ञात कारणों से, मैं खदान के अंदर एक हवा महसूस कर सकता था जो असामान्य था। उन्होंने कहा, "यह पानी के घुसने की आवाज थी। मैं बड़ी मुश्किल से इसे गड्ढे से बाहर निकला।" साहिब का कहना था कि "खदान में फंसे मजदूरों के जिंदा होने की कोई उम्मीद नहीं है। कोई भी आदमी आखिर कितना समय तक पानी के अंदर सांस ले सकता है।"

इस मामले में कोयला खदान के मालिक जरीन उर्फ कृप चुलेट को नरवन गांव से गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं अवैध कोयला खदान के प्रबंधक सहित और लोगों की तलाश की जा रही थी। इस खदान को रैट होल भी कहा जाता है। एनजीटी ने भी इस खदान में खनन पर रोक लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद यहां पर अवैध तरीके से खनन का काम जारी थी। इसके बाद NGT ने अवैध कोयला खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

Created On :   24 Jan 2019 12:16 PM GMT

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