सर्वे में खुलासा: लॉकडाउन के दौरान लोगों में कम हुए फ्लू जैसे लक्षण

Flu-like symptoms reduced in people during lockdown: survey
सर्वे में खुलासा: लॉकडाउन के दौरान लोगों में कम हुए फ्लू जैसे लक्षण
सर्वे में खुलासा: लॉकडाउन के दौरान लोगों में कम हुए फ्लू जैसे लक्षण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों अपने परिवार के सदस्यों और आस पड़ोस में लोगों में फ्लू जैसे लक्षणों का संज्ञान लेना शुरू किया है। फ्लू का लक्षण कोविड-19 से जुड़ा हुआ है। लॉकडाउन के दौरान लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण कम हुए हैं।

India Fights Covid: कोरोना से जंग में दुनिया में नंबर वन नेता बने पीएम मोदी, ट्रंप को भी पछाड़ा

सरकार द्वारा आईएलआई के लक्षणों को कोविड-19 संदिग्धों की पहचान करने के तौर पर देखा जा रहा है। आईएएनएस सी-वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, आईएलआई लक्षण जैसे बुखार, खांसी, जुकाम, नाक बहना आदि अप्रैल के पहले सप्ताह में 2.5 फीसदी के करीब पहुंच गए। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान इसमें धीरे-धीरे गिरावट देखने को मिली है और 20 अप्रैल तक ऐसे लक्षण 1.5 से दो फीसदी के बीच देखने को मिले हैं। इस तरह से सर्वेक्षण में यह स्पष्ट हुआ है कि लोगों के बीच आईएलआई के लक्षण लॉकडाउन की अवधि में घटे हैं।

अप्रैल के पहले सप्ताह में 0.4 फीसदी लोगों में तेज बुखार
मौसमी परिवर्तन की पृष्ठभूमि में, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर ये लक्षण दिखाई देते हैं, सर्वेक्षण में संकेत दिया गया कि मार्च के अंत में और अप्रैल के मध्य तक लक्षणों की प्रवृत्ति चरम पर थी। सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल के पहले सप्ताह में लगभग 0.4 फीसदी लोगों में तेज बुखार पाया गया, जो मौसम के बदलाव से भी जुड़ा हो सकता है। वहीं इसके बाद की अवधि पर गौर करें तो 20 अप्रैल तक इसकी दर घटकर 0.2 फीसदी से नीचे आ गई।

करीब एक फीसदी लोगों में दिखे फ्लू जैसे लक्षण 
सर्वेक्षण में यह भी संकेत मिला है कि सर्वेक्षण में भाग लेने वाले करीब एक फीसदी लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दिए, जैसे कि तेज बुखार, सर्दी और सूखी खांसी। लोगों में इस तरह के लक्षण उनके परिवार के सदस्यों से लेकर आसपास के लोगों में भी दिखाई दिए, जिनसे वे आमतौर पर दैनिक जीवन में मिलते-जुलते रहते हैं।

लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 पर जागरूकता का स्तर भी बढ़ा
सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 54.1 फीसदी लोग इस बात से असहमत हैं कि कोरोनावायरस से खतरा किसी प्रकार की अतिशयोक्ति है। इसलिए यह स्पष्ट है कि लोग बीमारी के प्रति अधिक यथार्थवादी हैं और पहले से ही वायरल संक्रमण से जुड़े लक्षणों का संज्ञान लेना शुरू कर चुके हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 पर जागरूकता का स्तर भी बढ़ा है। सर्वेक्षण में पाया गया कि लोगों में तेज बुखार, थकान, सूखी खांसी, सांस लेने में कठिनाई, ठंड, बहती नाक, शरीर में दर्द और गले में खराश जैसे लक्षण राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि में धीरे-धीरे कम हुए हैं। इस तरह के लक्षण जहां 23 मार्च को तीन फीसदी लोगों में पाए गए थे, वहीं 20 अप्रैल तक इसकी दर महज एक फीसदी तक रह गई।

 

Created On :   23 April 2020 11:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story