शाह फैसल ने लॉन्च की राजनीतिक पार्टी, छात्र नेता शेहला राशिद हुई शामिल
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) छोड़ने के बाद शाह फैसल ने अपनी सियासी पारी की शुरूआत कर दी है। शाह ने रविवार को श्रीनगर के राजबाग में एक कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक पार्टी के गठन का ऐलान किया। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने अपनी पार्टी का नाम जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट रखा है। पार्टी की लॉन्चिंग के दौरान घोषणा पत्र भी जारी किया गया। कश्मीर से ताल्लुक रखने वाली और जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद ने भी शाह फैसल की पार्टी के साथ जुड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शेहला लोकसभा चुनाव में श्रीनगर सीट से JKPM की उम्मीदवार हो सकती हैं। बता दें कि शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था।
नौकरशाही छोड़ सियासत में उतरे शाह फैसल ने कार्यक्रम के दौरान पार्टी के गठन के पीछे के कारण भी गिनाए। शाह ने कहा कि यह पार्टी जम्मू-कश्मीर के मुद्दों का शांतिपूर्ण निपटारे के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा, हम जम्मू-कश्मीर को धर्म के नाम पर बांटने वालो के खिलाफ लड़ेंगे और राज्य के युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। शाह ने कहा कि इस रैली में पहुंचे जम्मू-कश्मीर के लोगों का मैं धन्यवाद करता हूं। शाह के अनुसार इससे पहले वे किसी बड़ी पार्टी में शामिल होने का विचार कर रहे थे, लेकिन उनके प्रति पार्टियों के नकारात्मक नजरिए के चलते उन्होंने अपना दल बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी की शुरुआत का मुख्य कारण राज्य में सभी धर्म जात के लोगों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। शाह ने बिना नाम लिए विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ नेता मुझे अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते थे, लेकिन मेरे मना करने के बाद मुझे RSS और BJP का एजेंट बताने लगे हैं।
कौन हैं शाह फैसल
जम्मू-कश्मीर के कुपवारा जिले में स्थित सोगाम लोलाब इलाके के रहने वाले शाह फैसल 2010 के IAS टॉपर हैं। शाह भारतीय सिविल सर्विसेस टॉप करने वाले पहले कश्मीरी हैं। शाह फैसल उस समय सुर्खियों में आए थे जब अचानक उन्होंने कश्मीर में हो रही लगातार हत्याओं के विरोध में नौकरशाही से इस्तीफा दे दिया था। IAS अधिकारी का पद छोड़ने के इस फैसले को शाह ने हिंदुत्व ताकतों द्वारा भारतीय मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने के खिलाफ विरोध बताया था। पूर्व IAS अफसर के इस्तीफे के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे नेशनल कांफ्रेंस ज्वाइन कर सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की अधिकारिक घोषणा ने तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया।
Created On :   17 March 2019 6:29 PM IST