लोकसभा में पास हुआ भगौड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक-2018
- पिछले सत्र में विपक्ष के लगातार हंगामे की वजह से सरकार को विधेयक की जगह अध्यादेश लाना पड़ा था।
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक
- 2018 लोकसभा में पास।
- ये बिल अप्रैल 2018 में लाए गए अध्याधेश का स्थान लेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भाग जाने वाले आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसने वाला भगौड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। इस विधेयक में एजेंसियों को आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार दिया गया है। ये बिल अप्रैल 2018 में लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। दरअसल पिछले सत्र में विपक्ष के लगातार हंगामे की वजह से सरकार को विधेयक की जगह अध्यादेश लाना पड़ा था।
पूर्व अपराधी भी आएंगे बिल के दायरे में
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल से भगौड़ा आर्थिक अपराधियों पर तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। इस कानून के दायरे में पूर्व में देश छोड़कर भागे आर्थिक अपराधी भी आएंगे। विधेयक के प्रोविजन तीन में कहा गया है कि इस कानून के अस्तित्व में आने के दिन जो भी व्यक्ति भगौड़ा आर्थिक अपराधी है या भविष्य में भगौड़ा आर्थिक अपराधी बनता है उस पर यह कानून लागू होगा। पीयूष गोयल ने कहा कि अध्यादेश लाने का मकसद यह संदेश देना था कि सरकार सख्त है और कालेधन पर प्रहार हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कानून भगोड़ों के लिए है और अगर कोई व्यक्ति निर्दोष है तो उसे भागने की क्या जरुरत है, उसे तो खुद को कानून के हवाले कर देना चाहिए।
किसने क्या कहा?
-एआईएडीएमके के टी जी वेंकटेश बाबू ने कहा कि आर्थिक भगोड़ों की विदेशों में स्थिति संपत्तियों को जब्त करने के संबंध में विधेयक में कोई बात नहीं कही गयी है। उन्होंने कहा कि अपराध करने वालों के लिए बाद में कार्रवाई के प्रावधान से ज्यादा जरूरी पहले ही एहतियाती कदम उठाना है।
-तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि विधेयक के उद्देश्य और कारणों में 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक का कर्ज लेकर भाग जाने वालों के संबंध में कार्रवाई की बात कही गयी है लेकिन मुख्य विधेयक में इस बारे में कुछ नहीं कहा गया। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
-शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने कहा कि करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर उसे चुकाए बिना भाग जाने वालों पर धरपकड़ के लिए ऐसा सख्त कानून जरूरी था। इससे बैंकिंग तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।
-बीजू जनता दल के तथागत सतपथी ने कहा कि विधेयक से पहले अध्यादेश का लाना अलोकतांत्रिक तरीका है। इससे बचना चाहिए। नये कानून के बजाय पुराने मौजूदा कानूनों को ही दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए।
12 मार्च को हुआ था लोकसभा में पेश
पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13000 करोड़ के फ्रॉड और अन्य आर्थिक अपराधों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिये एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है। बिल को 12 मार्च को ही लोकसभा में पेश कर दिया गया था लेकिन संसद में गतिरोध के चलते इसे पारित नहीं कराया जा सका था। इसके बाद सरकार को अध्याधेश लाना पड़ा था।
Created On :   19 July 2018 8:45 PM IST