गणतंत्र बचाओ यात्रा: कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी बीजेपी
- कलकत्ता हाईकोर्ट के डिविजन बेंच ने अपनी ही सिंगल बेंच के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी थी
- बीजेपी सुप्रीम कोर्ट में देगी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
- लकाता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा को निकालने की अनुमति दी थी।
डिजिटल डेस्क, कलकत्ता। भारतीय जनता पार्टी (BJP) पश्चिम बंगाल में अपनी प्रस्तावित गणतंत्र बचाओ यात्रा पर आए कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने कलकत्ता हाईकोर्ट के डिविजन बेंच के फैसले को चुनौती देने का मन बनाया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच ने इस मामले में सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी। इससे पहले गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा को निकालने की अनुमति दी थी। सिंगल बेंच के इस फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने डिविजन बेंच में चुनौती दी थी।
कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देबाशीष कारगुप्ता और जस्टिस शंपा सरकार की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान कोलकाता पुलिस की ओर से कांग्रेस सांसद और वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि सिंगल बेंच ने फैसला लेने से पहले सभी एजंसियों की रिपोर्ट्स को ध्यान में नहीं रखा गया। इसके बाद अन्य पक्षों को सुनने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने फैसले पर रोक लगाते हुए इसे फिर से सिंगल बेंच को भेज दिया। डिविजन बेंच ने कहा है कि बीजेपी की यात्रा पर कोई भी फैसला देने से पहले सिंगल बेंच सभी इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स पर अच्छी तरह से विचार करें।
डिविजन बेंच के स्टे के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि हम पहले डिविजन बेंच के फैसले का विश्लेषण करेंगे, उसके बाद तय करेंगे कि फिर से हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में स्टे को चुनौती दें या सुप्रीम कोर्ट का रूख करें। आखिरकार शनिवार को बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख करना उचित समझा।
बीजेपी की यात्रा में अब तक क्या-क्या हुआ
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा पहले 7 दिसंबर से प्रस्तावित थी। 6 दिसंबर को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने बीजेपी को इसके लिए अनुमति देने से मना कर दिया। इसके बाद पार्टी ने डिविजन बेंच की ओर रूख किया। बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर 14 दिसंबर तक फैसला लेने को कहा।
15 दिसंबर को प्रशासन ने तमाम बातचीत के बाद बीजेपी को यात्रा के लिए परमिशन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने हाई कोर्ट का रूख किया, जहां से 20 दिसंबर को यात्रा के लिए अनुमति दे दि गई। 20 दिसंबर को देर शाम टीएमसी ने कोलकाता हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद 21 दिसंबर को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी।
Created On :   22 Dec 2018 11:36 PM IST