पंचगव्य को वैज्ञानिक मान्यता दिलाने सरकार ने बनाई कमेटी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जो गौ मूत्र से लेकर गोबर और गाय से मिलने वाले हर पदार्थ पर रिसर्च करेगी। इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच एक परिपत्र भी जारी हुआ है। कहना न होगा कि इसमें समिति आरएसएस, विहिप के दो-दो सदस्य भी होंगे। समिति के मुखिया साइंस और टेक्नॉलोजी मंत्री हर्षवर्धन हैं, जो पंचगव्य पर शोध परियोजनाओं का चुनाव करेंगे। समिति में 3 सदस्य विज्ञान भारती और गौ विज्ञान अनुसन्धान केंद्र के भी हैं।
सरकार का यह कदम हाल में गाय को लेकर देशभर में उभरे भावनात्मक ज्वार और गौ रक्षा के नाम पर पशुओं की खरीद-फरोख्त करने वालों के साथ मारपीट और हत्या जैसे मामलों के बीच सामने आया है। अलबत्ता पीएम नरेन्द्र मोदी ऐसी घटनाओं को अस्वीकार्य करार दे चुके हैं, लेकिन सरकार स्वरोप के नाम से पंचगव्य पर इस शोध को वैज्ञानिक मान्यता देने की ठान चुकी है। इसमें केंद्र के कई मंत्रालयों, विभागों, शैक्षणिक संस्थानों और प्रयोगशालाओं को शोध कार्य से जोड़ा जा रहा है। सरकार चाहती है कि पंचगव्य को स्वास्थ्यवर्धक दवा के रूप में वैज्ञानिक मान्यता मिल जाए और अगले तीन साल में इसे पोषणयुक्त खाद और कृषि उपयोग के लिए मंजूरी दे दी जाए।
Created On :   17 July 2017 6:43 PM IST