किसानों के साथ आज 8वें दौर की वार्ता, कृषि मंत्री बोले- कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार को तैयार

किसानों के साथ आज 8वें दौर की वार्ता, कृषि मंत्री बोले- कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार को तैयार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर करीब डेढ़ महीने से डटे किसानों की सरकार के साथ आज 8वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है। वहीं किसानों की केंद्र सरकार से एक मुख्य मांग नए कृषि कानूनों को वापस लेने की है। 

बैठक के संभावित नतीजों के बारे में पूछे जाने पर तोमर ने कहा, मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। असल में यह इस बात पर निर्भर करता है कि बैठक में चर्चा के लिए क्या मुद्दा उठता है। यह पूछे जाने पर कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता कर सकने वाले पंजाब के किसी अन्य धार्मिक नेता से क्या वह मिलेंगे? तोमर ने कहा, मैं उनसे मिलूंगा चाहे वे किसान हों या नेता।

उधर, पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह ने कहा कि अगर सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने को सहमत नहीं होगी तो सरकार के साथ वार्ता बमुश्किल से घंटेभर भी चल पाएगी क्योंकि इस मसले पर वार्ता पूरी होने पर ही दूसरे मसलों पर बात होगी। उन्होंने कहा, हमारी दो प्रमुख मांगें हैं जिन पर हम सरकार से कल की वार्ता में हां या ना में जवाब चाहेंगे।

बता दें कि सरकार के साथ किसान नेताओं की आठवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकालकर शक्ति-प्रदर्शन किया। इस शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार को यह चेतावनी भी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे आंदोलन को और तेज करेंगे। ऐसे में शुक्रवार को सरकार के साथ होने वाली वार्ता के नतीजे तक पहुंचने को लेकर असमंजस बरकरार है।

केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

Created On :   7 Jan 2021 7:13 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story