राजनीतिक दुश्मनी रिश्तेदारी में बदली: मां से हारे थे चुनाव, बेटी से की शादी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासी इलाके की राजनीति में ये एक बड़ी खबर है। कभी राजनीतिक दुश्मनी वाले दो परिवारों के बीच अब रिश्तेदारी हो गई है। शादी के बंधन में बंधे दूल्हा और दुल्हन दोनों अपनी अपनी पार्टी में स्थापति नेता हैं और दोनों ही अपनी अपनी पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। बात शहडोल की है। भाजपा नेता और मप्र अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र मरावी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता हिमाद्री सिंह के साथ सात फेरे लिए। इस विवाह बंधन के बाद राजनीति में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शहडोल में अगला लोकसभा चुनाव इस नव दंपती से कौन लड़ेगा और किस पार्टी से वह उम्मीदवार होगा।
दरअसल नरेंद्र मरावी भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहते 2009 के आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजेश नंदनी सिंह से था। उन दिनों हिमाद्री अपनी मां राजेश नंदनी सिंह के चुनाव की कमान संभाले हुए थीं। 2009 में राजेश नंदिनी सिंह को जीत मिली और नरेंद्र को हार का सामना करना पडा। 2014 में भी नरेंद्र भाजपा से टिकट के दावेदार थे, लेकिन एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला।
भाजपा ने दलपत सिंह परस्ते को चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस की राजेश नंदनी सिंह को चुनाव हरा दिया। पिछले साल परस्ते के निधन के कारण हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने राजेश नंदनी सिंह की बेटी हिमाद्री सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया। उस वक्त भाजपा ने भी हिमाद्री को अपनी पार्टी में लाने की कोशिश की थी। इस चुनाव में हिमाद्री को भी सफलता नहीं मिली और भाजपा के ज्ञान सिंह चुनाव जीत के पिता दलबीर सिंह भी कांग्रेस से सांसद और केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे हैं।
अब नरेंद्र मरावी और हिमाद्री सिंह की शादी हो गई है। दोनों एक एक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। भविष्य में शहडोल की राजनीति में इस दंपती के फैसलों पर लोगों की और प्रदेश भर की नजर रहेगी।
Created On :   25 Nov 2017 10:32 PM IST