गुजरात में बीजेपी को टक्कर देने कांग्रेस ने इस ग्लैमरस गर्ल पर खेला दांव

gujarat congress gave ticket to glamours social worker shweta brahmbhatt from maninagar
गुजरात में बीजेपी को टक्कर देने कांग्रेस ने इस ग्लैमरस गर्ल पर खेला दांव
गुजरात में बीजेपी को टक्कर देने कांग्रेस ने इस ग्लैमरस गर्ल पर खेला दांव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात चुनाव की सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है। चुनावी दंगल में दमदार दावेदारी रखने वाली बीजेपी और कांग्रेस जीतोड़ ताकत लगा रहीं हैं। दोनों पार्टी हर वो हथकंडा अपना रहीं हैं, जो जीत के लिए जरूरी है। गुजरात राज्य में आसन जमाए बैठी बीजेपी की ओर से जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ने एक ऐसा दांव खेला है जो हर वोट को अपनी ओर खीचनें के लिए अकेला ही काफी होगा। दरअसल कांग्रेस ने एक ग्लैमरस पांसा फेंकते हुए, अहमदाबाद की मणिनगर सीट से श्वेता ब्रह्मभट्ट को मैदान में उतारा है। ये कैंडिडेट ना केवल ग्लैमरस हैं, बल्कि अच्छी खासी पढ़ी-लिखीं भी हैं। श्वेता 34 साल की हैं, जो दिखने में तो मॉडल लगती हैं, लेकिन असल में वो एक सोशल वर्कर है।  

पिता का रहा है कांग्रेस से नाता

श्वेता ब्रह्मभट्ट के पिता नरेंद्र ब्रह्मभट्ट भी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। नरेंद्र ब्रह्मभट्ट ने साल 2000 में कांग्रेस के टिकट पर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का चुनाव भी लड़ा था। श्वेता ने बताया कि उन्हें सार्वजनिक जीवन में उतरने की प्रेरणा उनके पिता से मिली।

                            Image result for shweta brahmbhatt

लंदन में पूरी की पढ़ाई

श्वेता शुरू से बिजनेस की दुनिया में जाना चाहतीं थीं। इसके लिए उन्होंने बीबीए (BBA) की डिग्री ली। आगे की पढ़ाई करने लंदन के यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिनिस्टर चली गईं। पढ़ाई खत्म होने के बाद श्वेता ने एचएसबीसी बैंक में बतौर इनवेस्टमेंट बैंकर काम भी किया। इसके बाद श्वेता नौकरी छोड़कर आईआईएम बैंगलोर से पोलिटिकल लीडरशिप की पढ़ाई करने चली गईं। श्वेता ने बताया कि इस कोर्स के दौरान ही इनकी कांग्रेस नेताओं से मुलाकात हुई थी।

                             Image result for shweta brahmbhatt

कैसा बना श्वेता का राजनीति में आने का मन

श्वेता ब्रह्मभट्ट ने बताया कि उन्हें 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान ही लड़ने का मौका मिला था लेकिन उन्होंने मना कर दिया। श्वेता ने बताया, "महिला उद्यमियों के लिए इंडस्ट्रियल ईकाई में बना एक प्लॉट मिला, जहां वे आइसक्रीम प्लांट लगाना चाहती थी। उसी दौरान मेरा जमीनी हकीकतों से सामना हुआ।" श्वेता ने बताया कि स्टैंडअप इंडिया के तहत महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए बनी कई योजनाओं के बावजूद उन्हें लोन की मंजूरी के लिए मंत्रालयों के चक्कर काटने पड़े। श्वेता ने बताया कि वो इन सबको छोड़कर विदेश में जाकर बिजनेस कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने यहीं रहकर हालात से लड़ने की ठानी। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने उनसे संपर्क साधा।

Created On :   29 Nov 2017 9:39 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story