गुजरात को हाई कोर्ट का नोटिस, गांधी जी का स्कूल म्यूजियम बनाने पर लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गांधी जी के स्कूल को म्यूजियम में बदलने की गुजरात सरकार की योजना खटाई में पड़ सकती है। हाई कोर्ट ने बुधवार को इस सम्बंध में गुजरात सरकार को एक नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पांचाली की खंडपीठ ने सरकार से स्कूल को म्यूजियम में बदलने का उद्देश्य जानना चाहा है। हाई कोर्ट ने यह नोटिस स्कूल को म्यूजियम में बदलने के खिलाफ दायर हुई याचिका की सुनवाई के बाद जारी किया।
याचिका रमेश मंसता द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता रमेश अल्फ्रेड हाई स्कूल जिसे महात्मा गांधी हाई स्कूल के नाम से जाना जाता है का पूर्व छात्र है। राजकोट का यह स्कूल 164 साल पुराना है। इस स्कूल में महात्मा गांधी ने भी शिक्षा ली थी। याचिकाकर्ता ने इस ऐतिहासिक स्कूल को म्यूजियम में बदलने की सरकारी फैसले पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मंसता की याचिका में कहा गया है कि स्कूल को बंद करने का निर्णय आरटीई कानून के खिलाफ था, जो सभी को शिक्षा की गारंटी देता है। यह कहा गया है कि इस फैसले पर लगभग 100 छात्र प्रभावित होंगे।
पिछले साल राजकोट नगर निगम ने गुजरात सरकार को इस स्कूल को म्यूजियम में बदलने का प्रस्ताव भेजा था जो कि राज्य सरकार द्वारा पारित कर दिया गया। अगस्त में राज्य सरकार ने इस सम्बंध में नोटिस जारी कर स्कूल को बंद करने का आदेश दिया था। एक अधिकारी ने पहले कहा था कि स्कूल की जगह संग्रहालय बनाने का मकसद गांधीजी, सरदार पटेल और कई अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों के आदर्शों को लोगों तक पहुंचाना है।
राज्य के शिक्षा विभाग के अलावा, राजकोट नगर निगम, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को भी नोटिस जारी किए गए थे। अल्फ्रेड हाई स्कूल की स्थापना अक्टूबर 1853 में हुई, और इसकी वर्तमान इमारत 1875 में जूनागढ़ के नवाब द्वारा बनाई गई थी। इसका नाम एडिनबर्ग के ड्यूक प्रिंस अल्फ्रेड के नाम पर रखा गया था। 1885 में महात्मा गांधी इस स्कूल से पास आउट हुए। 1947 में भारत की आजादी के बाद, स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास गांधी हाई स्कूल रखा गया।
Created On :   5 July 2017 10:34 PM IST