हाईकोर्ट ने पत्रकार आरती टीकू के अकाउंट को लॉक करने के ट्विटर के फैसले के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
- हाईकोर्ट ने पत्रकार आरती टीकू के अकाउंट को लॉक करने के ट्विटर के फैसले के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार आरती टीकू द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके अकाउंट को लॉक करने के ट्विटर के फैसले को चुनौती दी गई थी।
आरती टीकू ने ट्विटर के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्होंने उनके अकाउंट को लॉक करने और उनके ट्वीट को कथित तौर पर घृणास्पद आचरण के नियमों का उल्लंघन करते हुए डिलीट कर दिया था।
केंद्र और ट्विटर इंक की प्रतिक्रिया मांगते हुए, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय और प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।
कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्य के रूप में पहचाने जाने वाली पत्रकार ने अपनी याचिका में माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म में अपने अकाउंट पर प्रतिबंध के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था। टीकू का मामला यह है कि उन्होंने अपने भाई को दी गई धमकी और कश्मीरी इस्लामवादियों की हरकतों को लेकर एक ट्वीट पोस्ट किया था।
टीकू ने ट्विटर पर अपने चचेरे भाई को दी गई धमकियों के टेप का जिक्र करते हुए याचिका में कहा है कि ट्विटर द्वारा उनके अकाउंट को लॉक करने की कार्रवाई अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, क्योंकि यह उनके जीवन के साथ ही बोलने के अधिकार का उल्लंघन है।
उन्होंने दलील दी है कि यह उन्हें अपने देश में ही एक शरणार्थी के रूप में अनुभव किए गए आघात को फिर से जीने के लिए मजबूर करता है।
याचिका के अनुसार, 14 दिसंबर, 2021 को टीकू के चचेरे भाई ने ट्विटर स्पेस चर्चा में भाग लिया, जिसमें उन्हें भारतीय एजेंट कहा गया और उनके खिलाफ अन्य आरोप लगाए गए हैं।
15 दिसंबर को, ट्विटर पर गृह मंत्री कार्यालय के हैंडल को टैग करते हुए, द न्यू इंडियन की संस्थापक और संपादक आरती टीकू ने एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, मेरा भाई जो श्रीनगर में रहता है, कश्मीर-भारत में बैठे जिहादी आतंकवादियों और पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में उनके आकाओं द्वारा खुलेआम धमकाया जा रहा है। क्या कोई देख रहा है? क्या हम इस्लामवादियों द्वारा गोली मारने की प्रतीक्षा कर रहे हैं या आप उन पर कार्रवाई करेंगे ?
उनकी याचिका में यह भी कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि केवल कट्टरपंथी इस्लामवाद का आह्वान करने के लिए याचिकाकर्ता के अकाउंट को निलंबित करने में प्रतिवादी संख्या 2 की मनमानी कार्रवाई कुछ ऐसी है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
आईएएनएस
Created On :   11 Jan 2022 6:00 PM IST