नाम उजागर कर शर्मसार करने वाले होर्डिग्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

High court takes cognizance of hoardings who are embarrassing by revealing name
नाम उजागर कर शर्मसार करने वाले होर्डिग्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
नाम उजागर कर शर्मसार करने वाले होर्डिग्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
हाईलाइट
  • नाम उजागर कर शर्मसार करने वाले होर्डिग्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

प्रयागराज, 8 मार्च (आईएएनएस)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करने वाले होर्डिग्स लगाने के मामले में लखनऊ जिला प्रशासन की कार्रवाई पर स्वत: संज्ञान लिया है।

पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करते हुए जिला प्रशासन ने उनके नाम-पते वाले होर्डिग्स लगाए थे, इसी पर अब अदालत ने संज्ञान लेते हुए पूछा है कि किस कानून के तहत यह कार्रवाई की गई।

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ रविवार को मामले की सुनवाई करेगी। जिला मजिस्ट्रेट और मंडल पुलिस आयुक्त को उस कानून के बारे में बताने के लिए कहा गया है, जिसके तहत लखनऊ में होर्डिग्स लगाए गए हैं।

लखनऊ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के नाम उजागर करते हुए उनकी तस्वीरों के साथ करीब 100 होर्डिग्स लगवाए थे। आरोपियों के नाम, फोटो और आवासीय पते होर्डिग्स पर सूचीबद्ध है, जिसके चलते उन पर अपनी सुरक्षा को लेकर भय पैदा हो गया है।

सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आरोपियों को निर्धारित समय के भीतर भुगतान करने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनकी संपत्ति जिला प्रशासन द्वारा जब्त कर ली जाएगी।

प्रशासन के इस कदम की प्रदर्शनकारियों, राजनीतिक पार्टियों, आम नागरिकों, कानूनी विशेषज्ञ सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निंदा की है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाम उजागर कर शर्मसार करने वाली इस कार्रवाई की आलोचना की है।

होर्डिग्स पर लगी तस्वीरों में से एक तस्वीर नाबालिग की है। उसके परिजनों ने कहा कि वे मामले को लेकर कानूनी कार्रवाई करने का विचार कर रहे हैं।

परिवार के एक सदस्य ने कहा, होर्डिग्स को जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त के आदेशों द्वारा लगाया गया है। उन्हें हमें इस बाबत स्पष्टीकरण देना चाहिए।

--आईएएएनएस

Created On :   8 March 2020 7:30 AM GMT

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