ओमिक्रॉन से भारत का दूसरा मरीज कैसे हुआ संक्रमित, बेंगलुरू में नए वेरिएंट की दस्तक ने बढ़ाई चिंता
- कर्नाटक में पाए गए ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित दो मरीज
- भारत में ओमिक्रॉन ने दिया दस्तक
- मचा हड़कंप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री हो चुकी है। जिसको लेकर भारत सरकार अलर्ट है, कई राज्य भी लगातार सख्ती बरतना शुरू कर दिए है। आपको बता दें कि गुरूवार को कर्नाटक में पहली बार ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित दो मरीज पाए गए हैं। दो मरीजों के सामने आने के बाद कर्नाटक सरकार हाईअलर्ट हो गई है। तथा प्रशासन ओमिक्रॉन मरीजों की ट्रेसिंग में जुट गया है।
मरीजों के सैंपल को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजा गया
आपको बता दें कि कर्नाटक के जिन दो मरीजों में ओमिक्रॉन का लक्षण पाया गया है। उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेज दिया गया है ताकि नए वैरिएंट की क्षमता की सटीक जानकारी मिल सके। अगर ये डेल्टा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार एक्शन के मूड में हैं वहीं राज्य सरकारें भी तैयारियों में जुट गई है और कोरोना प्रोटोकॉल को और सख्त बना रही है।
जानें पहले मरीज के बारे में
गौरतलब है कि कर्नाटक में 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी के रूप में ओमिक्रॉन का पहला मामला दर्ज किया गया था, जो 20 नवंबर को बेंगलुरु वापस पहुंचे थे। उसी दिन वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के मुताबिक उनके सीधे संपर्क में आए 24 और माध्यमिक संपर्कों में आए 240 लोगों में से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया। बीबीएमपी कमिश्नर गौरव गुप्ता ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि दूसरे मरीज का दक्षिण अफ्रीकी नागरिक से कोई संपर्क नहीं था।
दूसरे मरीज के अतर्राष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं
आपको बता दें कि जो दूसरा मरीज कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से पीड़ित है। उसका अंतर्राष्ट्रीय यात्रा से कोई संबंध नही है। 44 साल का मरीज हेल्थ वर्कर के तौर पर काम करता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने पुष्टि की है कि वह शहर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर हैं। उन्हें 21 नवंबर को बुखार और शरीर में दर्द हुआ और अगले दिन उनका टेस्ट पॉजिटिव आया। मरीज का नमूना जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।
यूपी में नए वेरिएंट को लेकर सरकार सख्त
आपको बता दें कि यूपी सरकार ने ओमिक्रॉन को मद्देनजर रखते हुए मामलों का पता लगाने के लिए लखनऊ के 2 मुख्य रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कोविड परीक्षण और सैंपल एकत्रित करने का फैसला लिया है। बाहर से आने वाले यात्रियों की मौके पर ही जांच की जा रही है और उनकी ट्रेवल हिस्ट्री दर्ज हो रही है।
इस राज्य में विदेशी यात्रियों के लिए अलग वार्ड
बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट के प्रभाव को देखते हुए 11 देशों से तमिलनाडु की यात्रा करने वाले सभी 477 लोगों की कोरोना जांच की गई और सभी निगेटिव पाए गए। दरअसल, चेन्नई, त्रिची, कोयंबटूर, मदुरै में 4 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अलग वार्ड स्थापित किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने बताया है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 600 रुपये का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
Created On :   3 Dec 2021 12:59 AM IST