वाघा बॉर्डर के रास्ते कल वतन लौटेंगे भारतीय वायुसेना के जाबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्थामन, MIG-21 से गिराया था पाकिस्तान का F-16 फाइटर जेट

IAF wing commander Abhinandan varthaman will be back to india tomorrow
वाघा बॉर्डर के रास्ते कल वतन लौटेंगे भारतीय वायुसेना के जाबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्थामन, MIG-21 से गिराया था पाकिस्तान का F-16 फाइटर जेट
वाघा बॉर्डर के रास्ते कल वतन लौटेंगे भारतीय वायुसेना के जाबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्थामन, MIG-21 से गिराया था पाकिस्तान का F-16 फाइटर जेट
हाईलाइट
  • अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था इशारा
  • पहले भारत से समझौता करना चाहता था पाकिस्तान
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया ऐलान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। हवाई हमले का जवाब देने मिग-21 जेट के साथ पाकिस्तान की सीमा में जा पहुंचे विंग कमांडर अभिनंदन वर्थामन शुक्रवार को भारत वापस आ जाएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाक संसद में गुरुवार को ये ऐलान किया है।

इससे पहले पाकिस्तान ने विंग कमांडर को सौंपने के लिए बातचीत करने की बात कही थी, लेकिन भारत ने उसे ठुकरा दिया था, भारत ने कहा था कि आतंकवाद के खात्मे से पहले मेज पर जाने का सवाल ही नहीं उठता है। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय तनाव की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कुछ समय पहले बयान दिया था कि ट्रंप ने संकेत दिए कि, भारत-पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष को लेकर जल्द ही अच्छी खबर आने वाली है। उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच का संघर्ष जल्द खत्म हो सकता है।

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ वियतनाम में शिखर वार्ता से इतर ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान को लेकर ये बयान दिया। ट्रंप के इस बयान के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई की घोषणा कर दी। भारत-पाक के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा अमेरिका ब्लूमबर्ग एशिया ने ट्रंप के इस बयान को ट्वीट किया है। वियतनाम के हनोई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान की तरफ से आकर्षक खबर आ रही है, दोनों देशों में पिछले काफी समय से तनाव जारी है। इस मसले को सुलझाने में हम मध्यस्थता कर रहे हैं। उम्मीद है कि सदियों से चल रहा ये तनाव जल्द ही खत्म हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये दावा किया था कि इन सब में वह मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।

बता दें कि भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी जेट F-16 को भारतीय पायलट अभिनंदन वर्थामन ने मार गिराया था। वे MIG-21 फाइटर जेट पर सवार थे। तकनीकि खराबी के कारण अभिनंदन का प्लेन पाकिस्तान स्थित कश्मीर में गिर गया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। पाकिस्तानी को वैसे भी जेनेवा संधिके तहत 7 दिनों के अंदर अभिनंदन को वापस भारत को सौंपना ही पड़ता। 

जेनेवा समझौते के तहत पाकिस्तान भारत के पायलट को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। युद्धबंदियों (POW) के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते (Geneva Convention) में कई नियम दिए गए हैं। जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं, जिसका मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है।

जेनेवा संधि से जुड़ी कुछ बातें

मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी।
दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी।
इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास के मुताबिक जेनेवा समझौते में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों और घायल लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं।
इस संधि के अनुच्छेद 3 के मुताबिक युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से उपचार होना चाहिए। 
इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है।
संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है।
इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता।
किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है। (फिर चाहे वह स्‍त्री हो या पुरुष)
संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता
युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्‍म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता
संधि के मुताबिक सैनिक को सात दिनों के भीतर उसके देश के हवाले करना होता है। 
युद्धबंदियों (POW) के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए।
सैनिक के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होगी।
जेनेवा संधि के तहत सैनिक को अपमानित नहीं किया जा सकता। 
 इस संधि के मुताबिक युद्धबंदियों (POW) पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
 संधि के तहत युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस लैटाना होता है। 
कोई भी देश युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा नहीं कर सकता। 
युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है।

Created On :   28 Feb 2019 5:22 PM IST

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