Video : श्रीनगर की मस्जिद में लहराए गए ISIS के झंडे, नारे भी लगे
- इन युवाओं ने ISIS से जुड़े नारे भी लगाए।
- श्रीनगर के जामिया-मस्जिद में कुछ युवाओं ने आतंकी संगठन ISIS के झंडे फहरा दिया।
- स्थानीय जांच एजेंसियों ने घटना की तफ्तीश शुरू कर दी है।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के जामिया-मस्जिद में कुछ युवा आतंकी संगठन ISIS के झंडे फहराते देखे गए। इतना ही नहीं इन युवाओं ने ISIS से जुड़े नारे भी लगाए। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है। इस घटना के वक्त मस्जिद में मौजूद कई लोग इस वाकिये से डर गए। स्थानीय जांच एजेंसियों ने घटना की तफ्तीश शुरू कर दी है। बता दें कि यह घटना उस वक्त हुई है, जब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ति ने ISIS को लेकर रेड अलर्ट जारी करने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) का मजाक उड़ाया था।
दरअसल, घटना से तुरंत पहले ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक द्वारा नमाज अदा की गई थी। उनके निकलते ही 5 से 10 युवा काले मास्क में मस्जिद में घुस गए। इन युवाओं ने मस्जिद के अंदर पहुंचते ही ISIS के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद उन्होंने पूरे मस्जिद को अपने कब्जे में लेते हुए ISIS का झंडा निकाल लिया। इनमें से एक मस्जिद की तख्त पर पहुंच जाता है और झंडा दिखाने लगता है। वहीं बाकी सभी नीचे से ही झंडों को हाथ में लेकर फहराने लगते हैं।
श्रीनगर के इस जामिया-मस्जिद में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 2016 में इसी मस्जिद के बाहर कुछ आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मो. अयूब पंडित की हत्या कर दी थी। वहीं 2015 के जून में भी कुछ युवकों ने मस्जिद के अंदर ISIS के झंडे फहराए थे। बहरहाल सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। बीते 26 दिसंबर को NIA ने ISIS के एक आतंकी समूह "हरकत-उल-हरब-ए-इस्लाम" का भंडाफोड़ किया था। NIA ने 10 लोगों को हिरासत में लेते हुए कहा था कि वह दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में आत्मघाती हमलों और सीरियल धमाकों की साजिश रच रहे थे। इतना ही नहीं NIA ने रॉकेट लॉन्चर, बम और पिस्टल समेत कई संदिग्ध वस्तुएं भी बरामद की थी।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम मुफ्ती ने शुक्रवार को NIA द्वारा बरामद सामग्री के संदर्भ में एक टिप्पणी की थी और NIA का मजाक उड़ाया था। मुफ्ती ने कहा था, "राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च है, लेकिन सुतली बमों (पटाखों) के आधार पर संदिग्धों को आतंकवादी घोषित करना और उन्हें ISIS से जोड़ना ठीक नहीं है। यह पहले स्थानीय लोगों के जीवन और परिवारों को तबाह कर चुका है। NIA को पहले के एपिसोड से सीखना चाहिए, जिसमें आरोपी दशकों के बाद बरी हो गए।"
Created On :   29 Dec 2018 8:05 PM IST