भोपाल के दोहरे मर्डर केस में डॉन अबू सलेम को रिलीफ

Jabalpur High Court Dismissed production warrant against Abu Salem
भोपाल के दोहरे मर्डर केस में डॉन अबू सलेम को रिलीफ
भोपाल के दोहरे मर्डर केस में डॉन अबू सलेम को रिलीफ

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के खिलाफ भोपाल में चल रहे दोहरे हत्याकांड के प्रोडक्शन वारंट को खारिज कर दिया है। इसके बाद सलेम के इस मामले में भोपाल आने और इस प्रकरण के चलने की संभावना भी खत्म हो गई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि पुर्तगाल से भारत लाए गए अबू सलेम की प्रत्यर्पण संधि में भोपाल का अकबर नफीस हत्याकांड शामिल नहीं था, इस कारण भोपाल की अदालत उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी नहीं कर सकती। बता दें कि मुंबई बम धमाकों में अबू सलेम को उम्र कैद की सजा हुई है।

 

शुक्रवार को जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक अग्रवाल ने भोपाल की एडीजे कोर्ट द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट को खारिज करने के आदेश दिए। इससे पहले डॉन अबू सलेम के वकील आलोक बघरेचा और भूपेंद्र तिवारी ने दलील दी थी कि भारत सरकार ने जब पुर्तगाल से प्रत्यपर्ण संधि की थी, उस दौरान सलेम के खिलाफ नौ मामले चलाने की बात तय हुई थी। इन नौ मामलों में भोपाल का अकबर नफीस हत्याकांड शामिल नहीं था।

 

जस्टिस आलोक अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि जो प्रकरण प्रत्यर्पण संधि में शामिल नहीं था, उस पर कोई अदालत प्रत्यर्पित आरोपी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी नहीं कर सकती। भोपाल की एडीजे कोर्ट ने यह वारंट 15 जनवरी 2014 को जारी किया था, उस वक्त मुंबई की टाडा कोर्ट ने भी इस वारंट पर सलेम को भोपाल कोर्ट में पेश करने की अनुमति नहीं दी थी। केन्द्र सरकार की ओर से ASG जेके जैन ने अपना पक्ष रखा।

 

ये है कहानी

भोपाल में जून 2001 में पुलिस ने दो युवकों की लाश बरामद की थी। भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र परवलिया के झिरनिया में मिली इन लाशों की पहचान अकबर और नफीस नामक युवकों के रूप में की गई थी। उस वक्त भोपाल क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की थी और ये दावा किया था कि इन दोनों शूटर्स को सलेम ने भोपाल भेजा था। इनको सिराज नामक युवक की हत्या करने की सुपारी दी गई थी। सलेम को शक था कि उसके खिलाफ सिराज ने मुखबिरी की थी। इस बीच जब सिराज के ऊपर हमला नहीं हुआ तो उसे ये शक हुआ कि शूटर्स अकबर और नफीस भी सिराज से मिल गए हैं। जब अकबर-नफीस की लाश बरामद हुई तो इस मामले में सलेम और उसके साथियों उत्तर प्रदेश के सीपी राय, इम्तियाज और सादिक को आरोपी बनाया था। उस वक्त सलेम पुर्तगाल में ही था।

 

सिराज पर ही अबू सलेम और मोनिका बेदी का भोपाल में फर्जी डाक्यूमेंट से पासपोर्ट बनवाने का आरोप था। बाद में सिराज सरकारी गवाह बन गया था। सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत सरकार ने पुर्तगाल सरकार को उसके 65 प्रकरणों की जानकारी दी थी, लेकिन नौ प्रकरणों पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। ये नौ प्रकरण ही भारत में उस पर चलाए जाने थे। पासपोर्ट से जुड़े मामले में मोनिका बेदी भोपाल कोर्ट से पहले ही बरी हो चुकी हैं। परवलिया में हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में भोपाल की एक अदालत ने बाकी आरोपियों को तो नवंबर 2011 में दोषमुक्त कर दिया था, लेकिन अबू सलेम के खिलाफ केस चालू था। 

Created On :   10 Nov 2017 11:59 AM GMT

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