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दैनिक भास्कर हिंदी: जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान कर रहा लगातार फायरिंग, 5 नागरिकों की मौत
डिजिटल डेस्क, कठुआ। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। पहले अरनिया और सांबा, अब आरएसपुरा सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में अब तक 5 नागरिकों की मौत हो गई है। बीते दिन भी एक 8 साल के मासूम की मौत हो गई थी। बुधवार सुबह से पाकिस्तान कठुआ जिले से हीरानगर में फायरिंग कर रहा है। इस दौरान यहां के लोंदी इलाके में राम पॉल नाम के व्यक्ति को गोली लगी है वह गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए जम्मू के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
Ceasefire violation by Pakistan continues in Jammu district's RS Pora. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/L36fQPkwSe
— ANI (@ANI) May 23, 2018
वहीं, सोमवार को घायल हुई एक महिला ने भी आज दम तोड़ दिया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। गृह मंत्री ने बीएसएफ के जवानों को गोलीबारी का उचित जवाब देने के लिए कहा है। पाकिस्तान की नापाक हरकत के बाद भारत ने यह कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि पाकिस्तान की ओर से बीएसएफ की करीब 40 पोस्टों को निशाना बनाया गया है।
Houses and cars damaged after heavy shelling from Pakistan in RS Pora sector #JammuAndKashmir pic.twitter.com/oN6djfxZKX
— ANI (@ANI) May 23, 2018
सभी स्कूलों को बंद कराया गया
बीती रात पाक ने लगातार सीमा पार से गोले दागे, इसमें हीरानगर सेक्टर के लोंदी गांव से तीन और एक व्यक्ति अरनिया सेक्टर में घायल हुआ है। रातभर हीरानगर, सांबा, रामगढ़, अरनिया और आरएसपुरा सेक्टर में गोलीबारी होती रही। जिसके चलते इंटरनेशनल बॉर्डर के पांच किमी. के आस-पास के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद कर दिए गए। इन सभी इलाकों में बुलेटप्रूफ वाहनों को भेजा गया है। सेना के अनुसार, पाकिस्तान 82MM के मोर्टार गांवों पर दाग रहा है।
One dead, two injured after heavy shelling from Pakistan in Kathua's Hiranagar sector. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/AoX19bBEHN
— ANI (@ANI) May 23, 2018
इससे पहले बीएसएफ ने पाकिस्तानी बंकरों को नष्ट करने का विडियो जारी किया था। बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई से घबराई पाकिस्तानी सेना ने तुरंत गोलीबारी रोकने का आग्रह किया था। पर पिछले कुछ दिनों से सीमा पर पाकिस्तान लगातार सीजफायर उल्लंघन कर रहा है। वह ज्यादातर रिहाइशी इलाकों को निशाना बना रहा है।
Firing has been underway since past two days, 11 people were injured today, we have shifted 210 people from Samba: RS Tara, DC, Samba on people injured in ceasefire violations by Pakistan, in Samba sector of Jammu & Kashmir pic.twitter.com/OdNfgrZjaS
— ANI (@ANI) May 22, 2018
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
आईसेक्ट भोपाल: भैरोंपुर में विकास कार्यों के लिए विधायक रामेश्वर शर्मा का आईसेक्ट द्वारा किया गया अभिनंदन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मिसरोद स्थित स्कोप कैम्पस के पास भैरोंपुर गांव के लिए विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के संबंध में आईसेक्ट द्वारा एक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक रामेश्वर शर्मा के अलावा पार्षद राजपूत जी, सलाहकार अरविंद मालवीय, आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी, मंडल अध्यक्ष तेज सिंह पटेल, मंडल उपाध्यक्ष मनीष जैन, आईसेक्ट संस्थान के एम्पलॉई, स्कोप कॉलेज के फैकल्टी, छात्र और भैरोंपुर गांव के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि भैंरोपुर में माननीय विधायक रामेश्वर शर्मा जी के प्रयासों से भैरोंपुर-छान-मक्सी रोड को स्वीकृत किया गया है इसलिए हम आईसेक्ट संस्था और गांव के लोग एकत्रित हैं ताकि उन्हें आभार दे सकें और अभिनंदन दे सकें। आगे उन्होंने बताया कि स्कोप कैम्पस भविष्य में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ कौशल विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाएगा जिससे इस गांव के छात्रों कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से करियर बना पाएंगे और एडमिशनल ले पाएंगे। यहां लगातार रोजगार मेलों का आयोजन होता है, भविष्य में भी प्रत्येक तीन माह में रोजगार मेलों का आयोजन किए जाने की योजना है। ऐसे में आवागमन को बेहतर बनाने और क्षेत्र के विकास में यह सड़क एक अहम रोल अदा कर पाएगी।
आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे ने स्कोप कैम्पस और भैंरोपुर गावं की ओर से विधायक रामेश्वर शर्मा का अभिनंदन करते हुए कहा कि लम्बे समय से भैरोंपुर- मक्सी- छान- सहारा सड़क पेंडिंग थी। परंतु अब विधायक जी के प्रयास से स्वीकृत हो गई है और टेंडर भी हो गया है। उन्होंने बताया कि यह सड़क भैरोंपुर से सहारा जाने के मार्ग की दूरी 5 किमी तक कम कर देती है। साथ ही यह सड़क निर्माण गांव के विकास में भी सहयोगी क्योंकि इससे नई कॉलोनियों का विकास सुगम हो जाएगा। इस विकास कार्य के लिए उन्होंने आश्वासन भी दिया कि इस सड़क के लिए आईसेक्ट ने अपनी जमीन छोड़ रखी है। इसके अलावा हम कलवर्ट (नाला) बनाने में भी सहयोग प्रदान करेंगे जिससे भविष्य में बारिश में होने वाली भराव की समस्या से भी निजात मिलेगी। आगे उन्होंने बताया कि स्कोप कैम्पस भविष्य में ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाएगा ऐसे में माननीय विधायक के सुझाव पर इसमें स्पोर्ट्स एकेडमी को भी रखे जाने की योजना है। इस विवि में सारे कौशल ट्रेड में प्रशिक्षण होगा और सभी प्रकार की लैब्स बनाई जा रही हैं। यह पूरे मध्य भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाएगा। साथ ही संतोष चौबे ने अवगत कराया कि हमारे संस्थान में अधिकांश कार्य हिंदी में में ही होता है और हम शासन के साथ मेडिकल शिक्षा को हिंदी में प्रदान करने की पहल में शामिल हैं।
मुख्य अतिथि विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के भी केंद्र होते हैं। बच्चे को शिक्षा, फैकल्टी को रोजगार के साथ ही आसपास व्यापार भी विकसित होता है। ऐसे मेरी शुभकामनाएं हैं कि संतोष चौबे जी शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रयास जारी रखें और भविष्य और भी विश्वविद्यालय खोलें। आगे उन्होंने कहा कि आज रोजगार की महती आवश्यकता है ऐसे में आवश्यक है कि ऐसी शिक्षा प्रदान की जाए जिससे छात्र स्वयं उद्यमी बनें और नए रोजगारों का सृजन करें। इसमें हमारी मातृभाषा एक अहम योगदान अदा कर सकती है क्योंकि अगर भारत में आधिकांश आबादी हिंदी समझने वाली है ऐसे में अंग्रेजी भाषा ग्रामीण अंचल के छात्रों में हीनता का भाव पैदा कर देती है और वे अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर पाते और अक्सर पीछे रह जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि मातृभाषा में ज्ञान का प्रसार हो जिससे आत्मविश्वास भी बढ़े और विकास की रफ्तार भी।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रमुख सहयोग एडमिन टीम और उसके हैड मनमोहन सोनी का रहा।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल: आठवें आईआईएसएफ में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का स्टाल बना आकर्षण का केंद्र
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हो रहे आठवें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का स्टाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आईआईएसएफ के मेगा एक्सपो में एआईसी-आरएनटीयू के स्टार्टअप द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक बाइक को सभी के द्वारा खूब सराहा जा रहा है। यह बाइक एक बार चार्ज होने पर 80 किलोमीटर तक चलती है और इसकी दर 10 से 15 पैसे प्रति किलोमीटर आती है। यह स्टार्टअप जीवाश्म ईंधन का एक अच्छा विकल्प है। वहीं स्मार्ट सोलरी- आरएनटीयू के विद्यार्थियों ने सेंटर फार आईओटी एंड एडवांस्ड कम्प्यूटिंग के हेड डाॅ. राकेश कुमार के मार्गदर्शन में शिवम कुमार और शुभांषू कुमार ने यह इकोफ्रेंडली साइकिल बनाई है। जिसमें 48वाॅट की बैटरी का उपयोग किया गया है। यह सोलर पैनल, डायनेमो और चार्जिंग प्वाइंट से चार्ज होती है। फुल चार्ज होने पर 30 किलोमीटर तक चलती है। इसकी कीमत लगभग बीस से पच्चीस हजार है। यह साइकिल बाइक का किफायती विकल्प है। एआईसी-आरएनटीयू के निदेशक श्री नितिन वत्स ने बताया कि विश्वविद्यालय लगातार नवाचार पर फोकस कर रहा है और स्टार्टअप को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं जिससे स्टार्टअप्स निकल रहे हैं।
विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा जैविक उत्पाद जैसे काला नमक चावल, सोना मसूरी व लाल चावल को भी स्टाल में रखा गया है। जिंक और आयरन से भरपूर काला नमक चावल का वर्णन भगवान बुद्ध के संदर्भ में भी मिलता है। सोना मसूरी चावल के दाने मध्यम आकार के सफेद चमकीले होते हैं। माइक्रो न्यूटन से युक्त लाल चावल को छत्तीसगढ़ में काफी पसंद किया जाता है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर रिसर्च एक्सीलेंस के उपकरणों का डेमोंस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। वहीं आइसेक्ट के रमन ग्रीन्स स्टाल में मिलेट के विभिन्न उत्पाद रखे गए। जिनमें कुकीज़, टोस्ट, खारी और स्नैक स्टिक की डिमांड लगातार बनी रही।
आरएनटीयू के स्टाल में आईसेक्ट पब्लिकेशन की ज्ञान विज्ञान, कौशल विकास तथा कला साहित्य की प्रकाशित पुस्तकों व पत्रिकाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें हिंदी में विज्ञान, तकनीक, पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि विषयों पर पुस्तकें विशेषरूप से पसंद की जा रही हैं। स्कूली छात्रों से लेकर उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों तक के लिए उपयोगी पुस्तकें शामिल हैं। छह खंडों में अविभाजित मध्यप्रदेश के कथाकारों का 'कथाकोश' व 18 जिल्दों में भारत की हिंदी कहानियों का सम्यक कोश 'कथादेश', साथ ही हिंदी में विज्ञान और तकनीक पत्रिका 'इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए' व कला साहित्य की पत्रिका 'रंग संवाद' भी प्रदर्शित है। आईआईएसएफ में विज्ञान साहित्य उत्सव 2022 "विज्ञानिका" में विश्वविद्यालय की टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई। है।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।
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