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भारतीय सेना को मिली बड़ी कामयाबी, जाकिर मूसा का वारिस हामिद लोन ढेर
हाईलाइट
- सुरक्षा बलों ने हामिद ललहारी उर्फ लोन को मार गिराया
- जाकिर मूसा के बाद हामिद आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद' के प्रमुख बनाया गया था
- एनकाउंटर में तीन आतंकी मारे गए
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भारतीय सेना को एक बड़ी कामयाबी मिली है। सेना ने पुलवामा के राजपुरा में मुठभेड़ में अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन 'अंसार गजवत-उल-हिंद' के प्रमुख हामिद लल्हारी उर्फ हामिद लोन को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में दो और आतंकी मारे गए हैं। जिनकी पहचान नावेद ताक और जुनैद भट के रूप में हुई है। आतंकियों के पास से काफी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लल्हारी 2016 में आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था। तब से वह लगातार सक्रिय था। ये आतंकी मासूमों को अपना निशाना बना रहे थे। लल्हारी के मारे जाने के बाद इस संगठन का खात्मा हो गया है। घाटी में शांति का माहौल है। उन्होंने कश्मीर के नौजवानों को सलाह देते हुए कहा कि हथियार से सिर्फ मौत मिलती है। आतंक नहीं अमन के रास्ते पर चलें।
J&K DGP Dilbag Singh in Srinagar: In Tral, 3 local militants associated Ansar Ghazwat-ul-Hind were killed yesterday. Before that, in an operation in Anantnag, 3 militants were neutralized. pic.twitter.com/bnCxxsbMBm
— ANI (@ANI) October 23, 2019
बता दें कि जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद हामिद को आतंकी संगठन 'अंसार गजवत-उल-हिंद' का प्रमुख बनाया गया था। यह संगठन अल कायदा से जुड़ा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां को हामिद की तलाश थी क्योंकि उसने सभी आंतकवादी संगठनो को एकजुट रहने को कहा था। सुरक्षाबलों ने 23 मई को दक्षिण कश्मीर के त्राल के एक गांव में मुठभेड़ में जाकिर मूसा को मार गिराया था। उसके मारे जाने के बाद कहा जा रहा कि अंसार गजवत-उल-हिंद का खात्मा हो गया है। इस संगठन में कुल 10 से 12 आतंकी थे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।