बिहार के बड़े दलों को झारखंड ने नकारा, राजद ने बचाई लाज
पटना, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के चुनाव में बिहार की सभी क्षेत्रीय पार्टियों ने जी-तोड़ मेहनत जरूर की, लेकिन उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिल सकी। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) अपनी खोई जमीन तलाशने झारखंड के चुनाव मैदान में उतरी, मगर उसे कोई सीट नहीं मिल सकी। यही हाल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का भी रहा, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक सीट जीतकर अपनी लाज बचाने में कामयाब रहा।
बिहार में साथ मिलकर सरकार चला रही जद (यू), भाजपा और लोजपा झारखंड चुनाव में अलग-अलग उतरी, लेकिन जनता ने ना केवल भाजपा को, बल्कि बिहार में उनकी सहयोगी जद (यू) और लोजपा को भी करारा झटका दिया है।
चुनाव में अकेले उतरने के दौरान जद (यू) के नेताओं ने स्पष्ट कहा था कि उनका भाजपा के साथ केवल बिहार में गठबंधन है, झारखंड में वे अकेले चुनाव मैदान में हैं।
झारखंड के इस चुनाव में जद (यू) ने 47 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। दीगर बात है कि जद (यू) के स्टार प्रचारक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में नहीं गए, लेकिन उनके तमाम नेता व मंत्री कई दिनों तक झारखंड के चुनावी मुहिम में लगे रहे। मतदाताओं को मगर जद (यू) पसंद नहीं आया।
राजग में शामिल रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को भी झारखंड के मतदाताओं ने कोई खास तरजीह नहीं दी और झारखंड में खाता खोलने का लोजपा का सपना एकबार फिर अधूारा रह गया।
लोजपा चुनाव से पहले भाजपा से सम्मानजनक सीट मांग रही थी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों में समझौता नहीं हो सका। इसके तुरंत बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने झारखंड की 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए, लेकिन चुनाव परिणाम में उन्हें गठबंधन तोड़ने का कोई लाभ नहीं हुआ।
राजद हालांकि एक सीट जीतकर अपनी लाज बचाने में कामयाब रहा। झामुमो और कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में उतरे राजद ने इस चुनाव में सात सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से चतरा सीट पर राजद के प्रत्याशी विजयी घोषित हुए।
राजद और जद (यू) को झारखंड के मतदाताओं ने पिछले चुनाव में पूरी तरह नकार दिया था। वर्ष 2014 में हुए चुनाव में जद (यू) 11 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जबकि राजद ने 19 और लोजपा ने एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा था।
ऐसा नहीं है कि राजद और जद (यू) को यहां के मतदाता पसंद नहीं करते। झारखंड बनने के बाद पहली बार 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में जद (यू) के छह और राजद के सात प्रत्याशी विजयी हुए थे।
वर्ष 2009 में हुए चुनाव में जद (यू) ने 14 उम्म्ीदवार उतारे थे, जिसमें से दो जबकि राजद ने पांच सीटों पर विजय दर्ज कर अपनी वजूद बचा ली थी।
लोजपा झारखंड में अब तक खाता नहीं खोल पाई है, हालांकि प्रत्येक चुनाव में उसके प्रत्याशी भाग्य आजमाते रहे हैं।
Created On :   25 Dec 2019 12:00 AM IST