अकूत दौलत वाले झारखंड के चीफ इंजीनियर गए जेल, पांच दिन के लिए रिमांड पर ईडी करेगी पूछताछ
- वीरेंद्र राम झारखंड में अफसरशाही और सत्ता के गलियारे में बेहद चर्चित नाम रहा है
डिजिटल डेस्क, रांची। अवैध तरीके अकूत दौलत कमाने वाले झारखंड के रूरल वर्क्स डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गुरुवार को पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ईडी की दरख्वास्त पर उनसे पूछताछ के लिए 24 फरवरी से पांच दिनों की रिमांड मंजूर कर ली है।
ईडी ने मंगलवार और बुधवार को वीरेंद्र राम के दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी के बाद उनकी 125 करोड़ से अधिक अवैध संपत्ति का पता लगाया है। छापे के दौरान करीब 1.50 करोड़ के जेवरात, 25 लाख रुपये नकद, एक दर्जन लग्जरी वाहन मिले थे। कई राजनेताओं और आला अफसरों से उसकी लगातार लेनदेन के सबूत भी ईडी के हाथ लगे हैं। माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में ईडी की जांच आगे बढ़ते ही राज्य के कई नेताओं और आईएएस अफसरों की परेशानी बढ़ेगी। पिछले दो दिनों में ईडी ने पूछताछ के दौरान वीरेंद्र राम से कई चौंकाने वाली जानकारियां हासिल की हैं। ईडी ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत उनका बयान रिकॉर्ड किया है।
दरअसल वीरेंद्र राम झारखंड में अफसरशाही और सत्ता के गलियारे में बेहद चर्चित नाम रहा है। उसके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, सरकार चाहे जिसकी भी रही वह निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करने के बावजूद चीफ इंजीनियर जैसे पद पर लगातार बने रहे। ठेकेदारों से लेकर अफसरों और नेताओं को उपकृत करने से लेकर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उनका नाम कई सालों से उछलता रहा है।
15 नवम्बर 2019 को झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने सरायकेला के ग्रामीण विकास विभाग के जेई सुरेश प्रसाद वर्मा के जमशेदपुर स्थित घर पर छापा मारकर 2.45 करोड़ रुपए जब्त किए थे। सुरेश प्रसाद वर्मा, वीरेंद्र राम के अधीनस्थ थे और उन्होंने पूछताछ में एसीबी को बताया था कि उसके यहां से जो रकम बरामद की गई है, वह वीरेंद्र राम के हैं। एसीबी ने इस मामले में वीरेंद्र वर्मा के खिलाफ पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांगी थी, लेकिन यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा रह गया। एसीबी ने जेई सुरेश प्रसाद वर्मा एवं अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। इसी आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसकी जांच करते हुए वह वीरेंद्र राम तक पहुंची।
ईडी की पिछले दो दिनों की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। वीरेंद्र झारखंड सरकार की बोर्ड लगी एक इनोवा पर चलते थे, लेकिन यह गाड़ी राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन के नाम पर निबंधित है। वह और उनका परिवार बेहद आरामतलब जिंदगी जीता है। पता चला है कि परिवार के लोग 250 रुपए प्रति लीटर की कीमत वाला एवियन वाटर पीते थे। उनके बेटे में दर्जन भर से भी ज्यादा लग्जरी गाड़ियां हैं। रांची, जमशेदपुर, दिल्ली, सीवान सहित कई शहरों में एक दर्जन से ज्यादा मकान और फ्लैट हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   23 Feb 2023 7:30 PM IST