जेआईबीएस, आईएससी की अपील, कोरोनाकाल में विचाराधीन कैदियों को रिहा करें
नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। भारत की कई जेलों में कोविड-19 संक्रमण दस्तक दे चुका है। इस बीच दो प्रमुख संगठनों ने सरकार से जेलों में भीड़ से बचने और कैदियों व अधिकारियों के बीच बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए विचाराधीन (अंडर ट्रायल) व छोटे-मोटे अपराधों वाले कैदियों को छोड़ने की अपील की है।
हरियाणा के सोनीपत स्थित ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) और गैर-सरकारी संगठन इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी (आईएससी) ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों, राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों, जेल अधिकारियों और सुधारक संस्थानों को इस बारे में अपील भेजी है। जेआईबीएस के एक बयान में यह जानकारी दी गई।
अपील में देशभर के कैदियों और जेल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत पर रोशनी डाली गई है। हाल ही में जेलों में कोरोनावायरस (कोविड-19) फैलने की खबर के बाद शिक्षण संस्थान व एनजीओ की ओर से यह कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में तो 100 से अधिक कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जो कि बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी के निदेशक मंडल के सदस्य प्रोफेसर संजीव पी. साहनी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, जेलों में भीड़ पर नजर रखना और उन कैदियों की अस्थायी रिहाई की संभावनाओं पर विचार करना अत्यावश्यक और अनिवार्य है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं। क्योंकि इससे अधिक से अधिक कैदी/जेल अधिकारी महामारी से प्रभावित हो सकते हैं।
साहनी ने कहा कि विशेष रूप से विचाराधीन कैदियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिसमें जेल की आबादी के 65 प्रतिशत से अधिक लोग शामिल हैं, जो संक्रमण की चपेट में हैं।
साहनी ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में शासी निकाय (गवर्निग बॉडी) के भी सदस्य हैं। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से इन सुधारक संस्थानों की चारदीवारी के पीछे सामाजिक दूरी एक विकल्प नहीं है और हैंड सैनिटाइजर ज्यादातर मामलों में एक निषिद्ध वस्तु है।
साहनी ने कहा, कैदियों के साथ इतनी कम जगह में होने के कारण, हमारी जेलें बीमारी के संचरण के लिए खुली ताबूत की तरह हैं। इस तरह की परिस्थितियों में न केवल कैदियों, बल्कि गार्ड, काउंसलर और मेडिकल स्टाफ के रूप में काम करने वाले पेशेवरों को भी गंभीर खतरा है।
Created On :   23 May 2020 7:30 PM IST