Jio इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने पर विवाद, सरकार ने दी सफाई
- HRD मंत्रालय ने Jio इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया।
- कांग्रेस का दावा- पीएम ने अंबानी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की।
- कांग्रेस ने रिलायंस फाउंडेशन के Jio इंस्टीट्यूट के दर्जे पर आपत्ति जताई है।
- सरकार की सफाई- यूजीसी रेगुलेशन के तहत नए संस्थानों को शामिल किया जा सकता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) की तरफ से देश के 6 इंस्टीट्यूट्स को उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा दिए जाने को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि, पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्त को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। विवाद के बाद एचआरडी मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि यूजीसी रेगुलेशन 2017 के क्लॉज 6.1 के अनुसार इस प्रोजेक्ट में बिल्कुल नए इंस्टीट्यूट को भी शामिल किया जा सकता है।
Congratulations to @ManipalUni, @bitspilaniindia Jio Inst for getting status of #InstituteofEminence. #TransformingEducation #48MonthsOfTransformingIndia@PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/XpRsm8nxIQ
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 9, 2018
दरअसल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के 6 इंस्टीट्यूट्स को उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा देने की घोषणा की गई है। इस लिस्ट में IIT बंबई, IISC बैंगलोर, IIT दिल्ली, मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और Jio इंस्टीट्यूट का नाम शामिल है। सरकार के इस फैसले के बाद से ही विपक्ष हमलावर हो गया है।
Ambani"s jio institute selected as one among 6 eminent institutes in India.
— Kerala PCC (@INCKerala) July 10, 2018
The Central government can"t clarify the basis of classification for granting such status for non-existing Institute. #SuitBootSarkar pic.twitter.com/ao0euMMkC7
कांग्रेस ने रिलायंस फाउंडेशन के Jio इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए सवाल खड़ा किया है कि, जियो इंस्टीट्यूट अब तक बना ही नहीं है तो सरकार कैसे उसे उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दे सकती है।
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि, बीजेपी सरकार ने एक बार फिर मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को फायदा पहुंचाया है। जियो इंस्टीट्यूट जो अस्तित्व में ही नहीं है, उसे "इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस" का दर्जा दिया गया है। सरकार को सफाई देना चाहिए इस तरह का दर्जा देने का क्या पैमाना है।
The BJP Govt favours Mukesh Nita Ambani yet again. The illusionary JIO Institute which is yet to see the light of day has been declared as an "eminent" institute. The Govt needs to clarify the basis of classification for granting such a status.#SuitBootSarkar https://t.co/owxlh7Kgev
— Congress (@INCIndia) July 9, 2018
असम के पूर्व सीएम तरुण गोगाई ने ट्वीट किया है कि, बीजेपी सरकार की तरफ से IIT"s और IISC के साथ Jio इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया जाना हास्यास्पद है। रिलायंस फाउंडेशन का Jio इंस्टीट्यूट अभी अस्तित्व में नहीं है। यह दिखाता है कि मोदी सरकार लगातार अपने कॉरपोरेट को दोस्त मदद पहुंचा रही है।
BJP Govt"s bonanza of granting "institution of eminence" to #JioInstitute which is yet to be set up by Reliance Foundation at par with other eminent institutions like IIT"s, IISC, etc is ridiculous exposes that Modi Govt continues to favour his corporate friends until the end. pic.twitter.com/6DFITA8Vq3
— Tarun Gogoi (@tarun_gogoi) July 10, 2018
वहीं एचआरडी मंत्रालय ने सफाई दी है कि, यूजीसी रेगुलेशन 2017 के क्लॉज 6.1 के अनुसार इस प्रोजेक्ट में बिल्कुल नए संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। इसका उद्देश्य प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स को इंटरनेशनल लेवल के एजुकेशन इंफास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए बढ़ावा देना है, जिससे पूरे देश को इसका फायदा मिल सके।
In response to some misinformation campaign in social media regarding "Institutes of Eminence", please find herewith clarifications on commonly raised questions #InstituteofEminence pic.twitter.com/K6IB5ILpfb
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) July 9, 2018
मंत्रालय ने कहा जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत चुना गया है, जो नए संस्थानों के लिए होती है। मंत्रालय के मुताबिक इसके लिए चार मानक तय किए गए थे। जिसमें इंस्टीट्यूट बनाने के लिए जमीन उपलब्ध हो, शीर्ष योग्यता और व्यापक अनुभव वाली टीम रख रहे हों, इंस्टीट्यूट स्थापित करने के लिए फंड जुटा सकें, ये मानक शामिल हैं।
Congratulations to @iitbombay IITDelhi. These are two premier institutes which will also receive government funding because public sector institutes which are granted status of Institutes of Eminence will get govt grant of Rs 1000 crore in next five years. #InstituteofEminence pic.twitter.com/n7NRnjR0Qh
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 9, 2018
उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा दिये जाने के मौके पर एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह काफी महत्वपूर्ण है। हमारे देश में 800 यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन एक भी यूनिवर्सिटी शीर्ष 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है।
This will help these institutes to grow rapidly to a scale and improve quality and add new courses. Also do whatever is needed to become world class institutions. #InstituteofEminence #TransformingEducation #48MonthsOfTransformingIndia @PIB_India @MIB_India @HRDMinistry
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 9, 2018
The #InstituteofEminence are important for the country. We have 800 univ, but not a single university in top 100 or even 200 in the world ranking. Today"s decision will help achieve this. #InstituteofEminence #TransformingEducation #48MonthsOfTransformingIndia @PIB_India
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 9, 2018
हमारे इस फैसले से इसे हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि, इससे इन संस्थानों के लेवल और क्वालिटी को तेजी से बेहतर बनाया जा सकेगा। इसके अलावा विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में जो कुछ भी जरूरी होगा वो सब किया जा सकेगा।
Created On :   10 July 2018 2:27 PM IST