डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस अब जमीन पर आतंकियों के सफाये का अभियान छेड़ने के साथ ही "कीपैड जिहादियों" पर शिकंजा कसने में जुट गई है। फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर फेक न्यूज (झूठी खबरों) की आड़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को पुलिस ने "कीपैड जिहादी" नाम दिया है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जो जिहादी अफवाहों के जरिए सूबे में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का काम करते हैं और हर घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करते हैं ऐसे जिहादियों की तलाश पुलिस कर रही हैं।

5 ट्विटर हैंडलर्स के खिलाफ केस दर्ज
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करने वाले ऐसे 5 ट्विटर हैंडलर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से बात कर उनसे ऐसे ट्विटर हैंडल्स की डिटेल मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद ट्विटर हैंडल्स ऑपरेट करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि इस ऐक्शन से "कीपैड जिहादियों" से निपटने में मदद मिलेगी। 

टीम का किया गया गठन
इंटरनेट पर एक्टिव जिहादियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने बाकायदा एक टीम गठित की है। ये टीम वॉट्सऐप, टेलिग्राम और अन्य मेसेजिंग साइट्स पर नजर रख रही है। अधिकारियों ने कहा कि 2016 के बाद से कश्मीर ही नहीं जम्मू में भी ऐसे ऑनलाइन ग्रुप ऐक्टिव हुए हैं, जो लोगों में भ्रम पैदा करने का काम करते हैं। इन लोगों की वजह से कई बार दंगे की स्थितियां पैदा हो चुकी हैं। 

आतंकियों ने चुना युद्ध का नया मैदान
अधिकारियों ने कहा कि अब आतंकियों ने युद्ध का नया मैदान चुना है। अब वह संकरी गलियों में छिपने और जंगलों में पनाह लेने के बजाय स्मार्टफोन और कंप्यूटर्स के जरिए घाटी समेत कहीं भी अपने मकसद को अंजाम देने का काम कर रहे हैं। ये लोग यह काम अपने घर से ही नहीं बल्कि कैफे से भी कर रहे हैं।

कई मोबाइल नंबर किए ब्लॉक
अधिकारियों ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय कई अकाउंट्स को बंद करने के लिए उन्होंने कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पॉन्स टीम- इंडिया को कहा है। इतना हीं नहीं टेलिकॉम ऑपरेटर की मदद से ऐसे नंबर भी ब्लॉक किए है जिनका इस्तेमाल अफवाहें फैलाने के लिए किया जा रहा था।  

Created On :   27 May 2018 11:38 PM IST

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