जेल में खुद के लिए सेवादार रखने पर चुप्पी साध गए लालू

डिजिटल डेस्क, पटना। चारा घोटाले के एक मामले में जेल में साढ़े तीन साल की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के ऊपर इसी घोटाले के एक अन्य मामले में 24 जनवरी को फैसला आने वाला है। इस मामले में बुधवार को लालू प्रसाद अन्य अभियुक्तों के साथ रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश हुए। लालू यादव ने कोर्ट में कहा कि उनसे मिलने वाले लोगो की संख्या हफ्ते में तीन से ज्यादा की जाए।
लालू यादव से जज ने फर्जी तरीके से जेल में अपने समर्थक यानी सेवादार रखने पर भी सवाल किया। तो लालू का जवाब था, "इस मामले में मुझे कुछ नहीं मालूम। ये सब मीडिया का काम है।"
लालू ने कोर्ट से मकर संक्रांति पर उनसे मिलने आने वाले लोगों की चर्चा की और कहा कि इस दिन मुझसे कई लोग मिलने आते हैं। मुझसे मिलने आने वाले लोगों की संख्या बढाई जाए। इस पर जज शिवपाल सिंह ने कहा कि वो कोशिश करेंगे कि जेल के अंदर आपके लिए दही चूड़ा का इंतजाम हो जाए। बता दें कि अभी लालू से हफ्ते में तीन लोग मिल सकते हैं।
पिछले हफ्ते हुए सजा की चर्चा करते हुए लालू यादव ने कहा कि उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला। मगर जब जज ने राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की चर्चा की तब लालू यादव ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कौन है यह शहाबुद्दीन।
क्या है चारा घोटाला
चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बता दें कि चारा घोटाले में 3 मामले हैं और इन तीनों मामलों में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं। अगर इन तीनों में से किसी एक में भी लालू यादव को कोर्ट ने दोषी ठहराया तो उन्हें तुरंत जेल जाना पड़ सकता है। सीबीआई पहले ही लालू को इस मामले में अपनी जांच में दोषी करार दे चुकी है।
बता दें कि केंद्र सरकार गरीब आदिवासियों को अपनी योजना के तहत गाय, भैंस, मुर्गी और बकरी पालन के लिए आर्थिक मदद मुहैया करा रही थी। इस दौरान मवेशी के चारे के लिए भी पैसे आते थे। लेकिन गरीबों के गुजर-बसर और पशुपालन में मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आए पैसे का गबन कर लिया गया था।
Created On :   10 Jan 2018 3:34 PM GMT