क्या कार्ति चिदंबरम को मिलेगी राहत, हाईकोर्ट में सुनवाई आज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में घूस लेने के आरोपी कार्ति चिदंबरम को अंदेशा है कि उसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर सकती है। इसीलिए चिदंबरम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की याचिका गुरुवार को मंजूर कर ली। जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट की अदालत में शुक्रवार को इस याचिका पर सुनावाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उन्हें अंतरिम राहत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा था। बता दें कि कार्ति चिदंबरम को CBI ने पूछताछ के लिए अपनी कस्टडी में ले रखा है और ये कस्टडी 9 मार्च को खत्म हो रही है।
कार्ति चिदंबरम की बढ़ाई गई थी CBI कस्टडी
इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को कार्ति चिदंबरम की CBI कस्टडी तीन दिन के लिए बढ़ा दी थी। CBI ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में उनके हाथ कुछ महत्वपूर्ण सबूत लगे हैं, ऐसे में उन्हें कार्ति से पूछताछ करने के लिए कुछ और समय चाहिए। CBI ने कोर्ट को यह भी बताया था कि मामले की जांच में कार्ति चिदम्बरम बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। CBI ने बताया था, "मोबाइल फोन जब्त करने के बाद भी यदि आरोपी कहे कि ‘मैं पासवर्ड नहीं दूंगा, भाड़ में जाओ तुम’ तो इसे सहयोग न करना ही कहा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में कार्ति की रिमांड बढ़ाने के लिए सीबीआई ने यह भी दलील दी थी कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभी और सघन पूछताछ की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट से भी मिला था झटका
वहीं कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी करारा झटका मिला था। कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट में ED के समन को रद्द करने की मांग की थी। कार्ति का कहना था कि CBI की FIR के आधार पर ED को नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं है, लिहाजा ED का समन रद्द किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने कार्ति की अपील को ठुकरा दिया था। साथ ही कोर्ट ने CBI और ED से भी इस बारे में 2 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा था।
कार्ति पर क्या हैं आरोप?
इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने मई 2017 में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मई 2017 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता के पॉवर का गलत इस्तेमाल कर कंपनियों को फायदा पहुंचाया और उसके एवज में फंड लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्ति ने साल 2007 में मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले और इसके बदले में कार्ति को 10 लाख डॉलर (करीब 7 करोड़ रुपए) दिए गए। उस दौरान उनके पिता पी. चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। FIPB की मंजूरी मिलने के बाद INX मीडिया और कार्ति की कंपनियों के बीच 3.5 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ। बता दें कि INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं।
Created On :   8 March 2018 8:41 PM IST