विशेष: 4 एयरक्राफ्ट से शुरू किया सफर, आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना
- 1932 में आरएफ के 6 ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाही थे
- तब एयरफोर्स को रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था
- भारत के पास 1932 में केवल एक ही एयरफोर्स का दस्ता था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में सोमवार को 86वां वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है। विश्व में आज भारतीय वायुसेना का चौथे नंबर पर है, लेकिन 1932 में जब एयरफोर्स की शुरुआत हुई थी, उस समय भारत के पास सिर्फ 4 वेस्टलैंड IIA एयरक्राफ्ट थे। भारत के पास तब एयरफोर्स का केवल एक ही दस्ता था, जिसमें आरएफ के 6 ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाही शामिल थे। तब एयरफोर्स को रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था।
भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 के हीरो मार्शल अर्जन सिंह एयरफोर्स के एकमात्र ऑफिसर हैं, जिन्हें 5 स्टार रैंक दी गई थी।
एयरफोर्स का आदर्श वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम' (आसमान का स्पर्श दीप्ति के साथ) है, जो गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है।
भारतीय वायुसेना में वर्तमान समय में 1 लाख 70 हजार कर्मचारी और 1500 एयरक्राफ्ट हैं। भारत से पहले सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस की वायुसेना का नंबर आता है।
एयरफोर्स पर 1932 के पहले आर्मी का ही नियंत्रण हुआ करता था। भारतीय वायुसेना को आर्मी से अलग करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस ड्बलू एल्महर्स्ट को जाता है। भारत की आजादी के 7 साल बाद 1 अप्रैल 1954 को इंडियन एयफोर्स से कमांडर इन चीफ का पद खत्म कर दिया गया था। इसके बाद सुब्रतो मुखर्जी भारतीय वायुसेना के पहले भारतीय प्रमुख बने।
Created On :   8 Oct 2018 10:50 AM IST