कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बोले एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. गुलेरिया, कहीं ये बड़ी बात

Know what former director of AIIMS Guleria said about Corona, you will be shocked to hear the answer
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बोले एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. गुलेरिया, कहीं ये बड़ी बात
कोरोना अलर्ट कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर बोले एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. गुलेरिया, कहीं ये बड़ी बात
हाईलाइट
  • फिलहाल भारत की स्थिति काफी ठीक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। बीते हफ्ते दुनियाभर से कोविड कुल केस 40 लाख के पार चला गया। इसे देखते हुए भारत सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है। कोरोना वायरस को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार बैठकों में कई अहम फैसले ले रही है। हालांकि, अभी तक देश में कोरोना की स्थिति सामान्य बनी हुई हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोविड-19 के मौजूदा हालात को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने या लॉकडाउन लागू करने की कोई अवश्यकता नहीं है। हालांकि, कुछ देशों में कोविड के हालात को देखते हुए निगरानी और सतर्कता रखना अनिवार्य है। उनका यह भी मानना है कि कोरोना संक्रमण के गंभीर मामले आने और मरीजों के हॉस्पिटल में भर्ती होने के आसार काफी कम है, क्योंकि देश के लोगों में "हाइब्रिड इम्युनिटी" विकसित हो गई है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा कि, "देश में अभी कोविड के मामलों में तेजी नहीं देखी गई है। फिलहाल भारत की स्थिति काफी ठीक है। मौजूदा स्थिति में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने या लॉकडाउन लागू करने की कोई आश्यकता नहीं है।" डॉ गुलेरिया ने बताया कि "देश  में कोरोना के इससे पहले के रिजल्ट यहीं बताते है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विदेशी उड़ानों पर पांबदी लगाना कोई प्रभावी विकल्प नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा कि "चीन में कोरोना संक्रमितों की आंकड़े में बढ़ेतरी होने की सबसे बड़ी वजह ओमीक्रोन का बीएफ-7 बेरिएंट है लेकिन भारत में इसके उपस्वरूप पहले ही पाया जा चुका है।" यह सवाल करने पर कि क्या आने वाले दिनों में क्या लॉकडाउन की आवश्यकता है? तब डॉ गुलेरिया ने कहा," कोविड के गंभीर मामले बढ़ने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं है, क्योंकि टीकाकरण की अच्छी दर और प्राकृतिक रूप से संक्रमण होने के कारण भारतीय में हाइब्रिड प्रतिरक्षा (हाइब्रिड इम्युनिटी) पहले ही विकसित हो चुकी है।" उन्होंने कहा कि "मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और लोगों के बीच हाइब्रिड प्रतिरक्षा की अच्छी-खासी दर होने के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।"    

कोरोना के ताजा हालात को लेकर दूसरे एक्सपर्ट्स की राय 

सफदरजंग आस्पताल में फेफड़े और गहन देखभाल विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता के मुताबिक, इस वक्त भारत को चीन और अन्य देशों में कोरोना हालात को देखते हुए सावधानी रखने की अवश्यकता है, लेकिन "भारत के मौजूदा स्थिति को देखते हुए निकट के भविष्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति की परिकल्पना नहीं की गई है।" डॉ गुप्ता ने आगे कहा कि "हाइब्रिड इम्युनिटी" किसी व्यक्ति को भविष्य मे आने वाले संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है। डॉ गुप्ता ने चीन का जिक्र करते हुए आगे कहा कि चीन की कमजोर स्थिति  बनने की सबसे बड़ी वजह कम प्राकृतिक प्रतिरक्षा और दूसरी सबसे बड़ी वजह खराब टीकाकरण रणनीति हो सकती है। चीन में बूढ़े और कमजोर वर्ग के आबादी के मुकाबले युवा और स्वस्थ लोगों को ज्यादा अहमियत दी गई। इसके अलावा चीनी टीकें संक्रमण को रोकने में कम कारगर हो पाए है।

चिंता की कोई बात नहीं

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि भारत में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है और अभी घरबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को कोविड से बचने के नियमों को अपनाना चाहिए और टीके की एहतियाती खुराक लेनी चाहिए। जापान, अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और चीन में कोविड के मामले बढ़ने के बाद भारत ने भी निगरानी और सावधानी दोनों बढ़ा दी है। इसके अलावा देश में कोविड संक्रमितों के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण की प्रक्रिया में तेजी कर दी है। बता दें कि भारत में 97 फीसदी से अधिक आबादी ने कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगा ली है, जबकि 90 फीसदी लोगों ने दूसरी डोज ले ली है। इसके अलावा देश में 27 आबादी ने एहतियाती खुराक हासिल की है। 

Created On :   24 Dec 2022 3:55 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story