ट्रिपल तलाक पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी ये दलील

Law Minister Ravi Shankar Prasad given argument on triple talaq
ट्रिपल तलाक पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी ये दलील
ट्रिपल तलाक पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी ये दलील

डिजिटल डेस्क, नईदिल्ली। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के बाद बुधवार को सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश किया। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में तीन तलाक से जुड़े बिल को हरी झंडी दिखा दी गई थी। तीन तलाक पर बिल पेश होने के बाद से ही दिन भर लोकसभा में इसको लेकर गतिरोध होता रहा। लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री ने पेश करते हुए कहा कि कि हमें मुस्लिम महिलाओं के दर्द को समझना चाहिए। आज सुबह ही मैंने एक खबर पढ़ी कि रामपुर में एक महिला को पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने उठने में देरी कर दी। यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों और न्याय के लिए है। इसका किसी पूजा पद्धति, परंपरा या धर्म से लेना-देना नहीं है।  

केंद्रीय कानून मंत्री ने तीन तलाक पर सरकार का पक्ष रखा। रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर कोर्ट ने एतिहासिक फैसला लेकिन इसके बाद भी इससे जुड़े मामलों में कमी नहीं आई। ऐसे में इस कानून की जरूरत और अधिक बढ़ जाती है।

रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कोर्ट में दलील को याद दिलाते हुए कहा कि बोर्ड ने कहा था कि वे मुस्लिम समुदाय को समझाएगा कि तीन तलाक को कोई न माने लेकिन इसके बावजूद तीन तलाक के मामलों में कमी नहीं हो रही है। कानून मंत्री ने कहा कि बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था वे मौलवियों को प्रेरित करेंगे की वे निकाह के समय पर शौहर और बीवी दोनों को  इस बात की सलाह देंगे कि वे एक बार में तीन तलाक का उपयोग न करें। कानून मंत्री ने कहा बताया कि 2017 में 300 ट्रिपक तलाक हुए हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद भी लगभग 100 मामले आ चुके हैं। ये चिंता की बात समय है। कानून मंत्री ने हाल ही में हुई उस घटना का लोकसभा में भी जिक्र किया जिसमें पत्नी को इसलिए तीन तलाक दे दिया, क्यों कि वह सुबह देर से उठी। कानून मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश, मलेशिया, इंडोनेशिया और पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में भी ट्रिपल तलाक को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इन देशों में तलाक के पहले आर्बिट्रेशन काउंसिल को इसका कारण बताना होता है। वहीं हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होते हुए भी काफी पीछे रह गए हैं।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तलाक-ए-बिद्दत गैरकानूनी है और इसका सीधा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है। तीन तलाक के कारण ही आज महिलाएं जहां फुटपाथ पर आने को मजबूर हैं वहीं बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। वहीं रविशंकर प्रसाद ने बताया कि  रविशंकर प्रसाद में अगर पुलिस जमानत नहीं दे सकती तो मजिस्ट्रेट मामले को समझते हुए जमानत पर फैसला कर सकता है।

Created On :   28 Dec 2017 2:33 PM GMT

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