पहली बार SC के जजों की PC, 'हम नहीं बोले तो लोकतंत्र हो जाएगा खत्म'

पहली बार SC के जजों की PC, 'हम नहीं बोले तो लोकतंत्र हो जाएगा खत्म'


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया से बात की। देश को न्याय दिलाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस बात को कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने भी की, लेकिन उन्होंने बात को नहीं माना। 

कल कोई न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी

जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही काम नहीं कर रहा है। हम चीफ जस्टिस को ये बात समझाने में नाकाम रहे हैं। पिछले 2 महीनों से जो हालात चल रहे हैं, उसकी वजह से हमें मजबूरन प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है। हम नहीं चाहते कि 20 साल बाद कोई बोले कि जस्टिस चेलामेश्वर, गोगोई, लोकुर और कुरियन जोसेफ ने अपनी आत्मा बेच दी और सविंधान के मुताबिक सही फैसले नहीं दिए।" उन्होंने कहा कि देश में बहुत से समझदार लोग समझदार बातें कह रहे हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई हमारे बारे में ऐसी बातें कहे। 

लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता जरूरी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता भी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा। हमने चीफ जस्टिस को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं समझ पाए।" उन्होंने आगे कहा कि "हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था, इसी कारण मजबूरी में हमें मीडिया के सामने आना पड़ा।" इसके अलावा इन चारों जजों ने चीफ जस्टिस पर ये भी आरोप लगाए कि "चीफ जस्टिस सीनियर जजों की बात नहीं सुनते हैं।"

क्यों कर रहें हैं जज प्रेस कॉन्फ्रेंस? 

सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "हमने चीफ जस्टिस को चिठ्ठी भी लिखी थी कि कोर्ट में ठीक तरीके से काम नहीं हो रहा है, हमने इस बारे में उनसे मुलाकात भी की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।" प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब मीडिया ने जजों से पूछा कि क्या ये जस्टिस बीएच लोया की संदिग्ध मौत से जुड़ा मामला है, तो इस पर जजों ने हां भरी। बता दें कि जस्टिस बीएच लोया की 1 दिसंबर 2014 को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी और बाद में उनकी मौत के तार सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जुड़े। 



चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लिखी गई चिठ्ठी

 

 

 

 

 

Created On :   12 Jan 2018 7:11 AM GMT

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