केरल हाईकोर्ट ने माना : प्यार अंधा होता है!
- केरल के सीएचएमएम कॉलेज से 2017 में निकाला था दो छात्रों को
- केरल हाईकोर्ट का अनोखा फैसला
- प्यार करने वालों को कॉलेज से नहीं निकाल सकता कॉलेज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने राज्य के एक कॉलेज से दो स्टूडेंट्स को निकाले जाने को लेकर फैसला सुनाया है। इस मामले को सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल केरल के एक कॉलेज से दो स्टूडेंट्स को निष्कासित कर दिया गया था। उनका कुसूर केवल इतना था कि वो दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। इस बात भनक जब कॉलेज प्रशासन लगी तो तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को कॉलेज से बाहर निकाल दिया गया। इस मामले को कोर्ट में भी उठाया गया। तब जाकर केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया।
हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस मामले में हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि, "प्यार अंधा होता है और एक सहज मानव वृत्ति है। यह व्यक्तियों और उनकी स्वतंत्रता से जुड़ा है।" आगे कोर्ट ने कहा कि कॉलेज इस बात पर छात्रों पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर सकता। आगे कोर्ट ने ये भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दो लोगों के व्यक्तिगत संबंध से किसी भी तरह माहौल प्रभावित होता है। इस फैसले के साथ ही हाई कोर्ट ने केरल विश्वविद्यालय को दो सप्ताह में मालविका को फिर से पढ़ने की अनुमति देने और कॉलेज को व्याशक के रेकॉर्ड्स वापस करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
केरल के सीएचएमएम कॉलेज फॉर अडवांस्ड स्टडीज में बीबीए की छात्रा मालविका बाबू और उसके सीनियर व्याशक को 2017 में कॉलेज से निकाल दिया गया था। दोनों छात्र एक-दूसरे से प्यार करते थे जो उनके परिवार वालों को मंजूर नहीं था। परिवार के विरोध के चलते मालविका और व्याशक दोनों घर छोड़कर चले गए। इसके बाद मालविका की मां ने बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। हालांकि उस रिपोर्ट को बाद में वापस भी ले लिया गया। लेकिन इस पीरे घटनाक्रम के बाद कॉलेज प्रशासन ने ये कहते हुए दोनों को कॉलेज से निकाल दिया कि दोनों की वजह से कॉलेज का माहौल खराब हो सकता है।
Created On :   22 July 2018 11:55 AM IST