लोकसभा से पास हुआ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने वाला विधेयक

LS passes amendment to give OBC commission Constitution status
लोकसभा से पास हुआ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने वाला विधेयक
लोकसभा से पास हुआ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने वाला विधेयक
हाईलाइट
  • ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद उसे दंड देने का भी अधिकार मिल जाएगा।
  • बिल में सरकार की तरफ से कुछ संशोधन किए गए हैं जिसमें आयोग में महिला सदस्य को भी शामिल किया गया है।
  • लोकसभा में 123वां संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (NCBC) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को लोकसभा में 123वां संविधान संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। NCBC आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद वह जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने के प्रस्तावों पर भी फैसला ले सकेगा। साथ ही आयोग को दंड देने का भी अधिकार मिल जाएगा। अभी तक आयोग को ऐसे मामलों में सिर्फ विचार करने का अधिकार था। विधेयक के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को बधाई दी है।

बिल में सरकार की तरफ से कुछ संशोधन किए गए हैं जिसमें आयोग में महिला सदस्य को भी शामिल किया गया है। आयोग की सिफारिशों पर राज्यपाल की जगह राज्य सरकार से सुझाव लिया जाएगा। आयोग भी NCBC वर्ग के उत्थान में भागीदारी करेगा यानी नीतियों को बनाने में भी मदद देगा। पहले सिर्फ मशविरा देने की बात थी। इस विधेयक के पारित होने के बाद संवैधानिक दर्जा मिलने की वजह से संविधान में अनुच्छेद 342 (क) जोड़कर प्रस्तावित आयोग को सिविल न्यायालय के समकक्ष अधिकार दिये जा सकेंगे। इससे आयोग को पिछड़े वर्गों की शिकायतों का निवारण करने का अधिकार मिल जायेगा।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि सरकार के संशोधनों के साथ आया विधेयक अत्यधिक सक्षम है और आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद आयोग पूरी तरह सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोग केंद्रीय सूची से संबंधित ही निर्णय लेगा। राज्यों की सूची बनाने का काम राज्यों के आयोग का ही होगा।

बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि भाजपा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के नाम संसद में विधेयक लाकर पिछड़ों को लुभाने का प्रयास कर रही है ताकि चुनाव में इनका कुछ वोट हासिल कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि इन वर्ग के लोगों को भाजपा से सावधान रहने की जरूरत है।

आपतो बता दें कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 1993 में किया गया था। फिलहाल इसके पास सीमित अधिकार हैं। NCBC समुदाय की शिकायतों के निपटारे और उनके हितों की रक्षा के लिए अनुसूचित जाति आयोग ही काम करता है। 

Created On :   3 Aug 2018 12:02 AM IST

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