लिंचिंग : सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश लागू करने की याचिका पर नोटिस जारी किया
- शीर्ष अदालत ने यह नोटिस एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया जिसमें देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए बढ़ती मॉब लिंचिंग घटनाओं पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है
- सर्वोच्च न्यायालय ने मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा) पर रोक लगाने को लेकर दिए गए उसके अपने आदेश को लागू करने के लिए दायर याचिका पर शुक्रवार को नोटिस जारी किया
शीर्ष अदालत ने यह नोटिस एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया जिसमें देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए बढ़ती मॉब लिंचिंग घटनाओं पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
मालूम हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 के अपने एक फैसले में मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के लिए कई निर्देश दिए थे।
याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के पास सूचीबद्ध थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि देश में खासतौर से गोरक्षा के नाम मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं और हिंसा के ऐसे कृत्यों से साफ तौर पर मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने बढ़ती हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि गोरक्षक समूहों ने गायों की रक्षा का दावा करते हुए महज गोहत्या और पशु-तस्करी के संदेह में कई निर्दोष मुस्लिमों और दलितों की जानें ले ली हैं।
याचिकाकर्ता ने सितंबर 2015 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि मजदूर मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे दानिश को लोगों ने कथित तौर पर गाय का मांस खाने व रखने को लेकर पीटा था।
घटना में अखलाक की मौत हो गई थी।
अदालत ने शुरुआती दलीलों को सुनने के बाद केंद्र सरकार, मानवाधिकार आयोग और 11 राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया।
याचिका एंटी करप्शन कौंसिल आफ इंडिया नाम के संगठन ने वकील मंजू जेटली के माध्यम से दायर की है।
--आईएएनएस
Created On :   26 July 2019 10:31 PM IST