- गुजरात के सूरत में फुटपाथ पर सो रहे 18 लोगों को ट्रक ने कुचला, 13 की मौत
- ब्रिस्बेन टेस्टः शुभमन गिल का अर्धशतक, भारत का स्कोर 100 रन के पार
- सामना में शिवसेना का तंज- ED, CBI, आयकर विभाग को बताया बीजेपी का वर्कर
- दिल्ली: कोहरे के कारण देरी से चल रही हैं 16 ट्रेनें- नॉदर्न रेलवे
- एक लाख बाइकर्स किसान तिरंगा यात्रा में हो सकते हैं शामिल, मिली खुफिया जानकारी
मध्य प्रदेश उपचुनाव : बीजेपी की तुलना में कांग्रेस की राह क्यों है मुश्किल?

हाईलाइट
- मध्य प्रदेश उपचुनाव : बीजेपी की तुलना में कांग्रेस की राह क्यों है मुश्किल?
नई दिल्ली/भोपाल 7 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में 24 सीटों के उपचुनाव की बिसात बिछ चुकी है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने सभी सीटों के लिए प्रभारियों की भी नियुक्ति कर दी है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। कांग्रेस के पक्ष में सीटों का समीकरण करने के लिए वह रणनीति तय करने में जुटे हैं। कमलनाथ के करीबियों का मानना है कि यह उपचुनाव ही सत्ता में वापसी का आखिरी विकल्प है और शिवराज से हिसाब बराबर करने का मौका भी। कमलनाथ हर सियासी चाल चल रहे हैं।
ज्योतिरादित्य के पिता माधव राव सिंधिया के बेहद करीबी रहे बालेंदु शुक्ला की कांग्रेस में घरवापसी कराने के पीछे कमलनाथ की सोची-समझी रणनीति बताई जाती है।
कमलनाथ को उम्मीद है कि बालेंदु शुक्ला, सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में कांग्रेस को कुछ फायदा पहुंचाएंगे। 24 सीटों के उपचुनाव की कसौटी पर दोनों दलों को कसें तो बीजेपी की राह आसान दिख रही है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा आईएएनएस से पूरे भरोसे के साथ कहते हैं कि पार्टी उपचुनाव की सभी 24 सीटें जीतकर दिखाएगी।
230 सदस्यीय मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। इसमें 22 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने और दो सीटें विधायकों के निधन से खाली हुई हैं। स्पष्ट बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 116 है। मौजूदा समय भाजपा के पास 107 विधायक हैं तो कांग्रेस के पास 92 की संख्या है। इस प्रकार देखें तो शिवराज सिंह चौहान सरकार को स्पष्ट बहुमत के लिए सिर्फ नौ सीटों की जरूरत है तो कांग्रेस को सभी 24 की 24 सीटें जीतनी होंगी। ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस के लिए उपचुनाव में क्लीन स्वीप टेढ़ी खीर है। इस प्रकार उपचुनाव के भरोसे कमलनाथ सरकार की सत्ता में वापसी मुश्किल दिख रही है।
ग्वालियर-चंबल बेल्ट पर सबकी नजर
जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उसमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं। यह वही इलाका है, जहां कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व माना जाता है। बीजेपी सिंधिया के कारण इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायकों को ही फिर से लड़ाकर सीटें हासिल करने की जुगत में है तो कांग्रेस सीटों को बचाने की कोशिश में जुटी है। कांग्रेस के नेताओं की ओर से विधायकों के विश्वासघात की दुहाई देकर जनता से उन्हें सबक सिखाने की अपील की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि यूं तो उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। लेकिन, पांच सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा अपनों से चुनौती मिल रहीं हैं। इसमें देवास जिले की हाटपिपलिया, इंदौर जिले की सांवेर, ग्वालियर जिले की ग्वालियर, रायसेन की सांची और सागर जिले की सुरखी सीटें हैं। यहां भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं के बीच अंतर्कलह की स्थिति उभरकर सामने आ रही है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा के अंदरखाने मचे संघर्ष का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।
हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आईएएनएस से पार्टी में असंतोष जैसी स्थिति को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा, भाजपा एक पार्टी नहीं बल्कि परिवार है। यहां सभी आपस में मिल जुलकर बातें करते हैं। कहीं कोई मतभेद की स्थिति नहीं रहती। पार्टी अपने नेताओं के दम पर उपचुनाव की सभी सीटें जीतकर दिखाएगी।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।