नीट-जेईई परीक्षा आयोजित करने की तैयारी में मध्य प्रदेश
भोपाल, 27 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के बीच नीट-जेईई परीक्षा कराने को लेकर विभिन्न राज्यों की अलग-अलग राय बनी हुई है। परीक्षा कराने या इसे स्थगित कर देने की राजनीतिक उठा-पटक के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश सितंबर में होने वाली परीक्षाओं का संचालन करने की तैयारी में है।
परीक्षा आयोजित कराने की योजना के तौर पर पहले चरण के रूप में सरकार ने नीट परीक्षा के लिए केंद्रों की संख्या को दोगुना करने की पेशकश की है। साथ ही उम्मीदवारों की तलाशी (फ्रिस्किंग) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। छात्रों की टटोल कर तलाशी लेने के बजाए उन्हें मेटल डिटेक्टर के माध्यम से परीक्षा केंद्र भेजे जाने की उम्मीद की जा रही है।
इस साल नीट उम्मीदवारों की संख्या 58,860 आंकी गई है और परीक्षा के लिए 144 केंद्र स्थापित किए जाने की योजना है, जबकि पिछले साल 54,445 छात्रों के लिए 84 केंद्र बनाए गए थे।
सूत्रों ने कहा कि भोपाल में लगभग 18,000 उम्मीदवारों के लिए 35 परीक्षा केंद्र होंगे, जबकि यहां पिछले साल 12,000 उम्मीदवारों के लिए 15 केंद्र थे।
उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों के तहत जेईई (मुख्य) और नीट परीक्षार्थियों के लिए वैकल्पिक सीटों की व्यवस्था होगी। प्रत्येक कमरे में 12 नीट उम्मीदवार होंगे। छात्र थर्मल स्कैनिंग से गुजरेंगे। अलग प्रवेश और निकास द्वार होंगे। दस्तावेज सत्यापन 15 उम्मीदवारों के बैच में दो कमरों में किया जाएगा। फेस मास्क अनिवार्य होगा।
हर पेपर से पहले परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइज किया जाएगा। अधिक बुखार या तापमान वाले छात्रों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जाएंगे। उम्मीदवारों और अन्वेषकों दोनों के लिए दस्ताने और मास्क के निपटान जैसी व्यवस्था भी की जाएगी।
परीक्षा केंद्रों में केवल मास्क, दस्ताने, हैंड सैनिटाइजर, पारदर्शी बोतलों में पानी, एडमिट कार्ड और आईडी कार्ड ले जाने की अनुमति होगी।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष परीक्षा आयोजित करने का विरोध कर रहा है। राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बुधवार को महामारी को देखते हुए परीक्षा रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र में लिखा कि लाखों बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए नीट और जेईई की परीक्षाएं नहीं कराई जानी चाहिए। इसके पीछे उन्होंने तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा बताया है।
जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज को सुझाव दिया कि वे इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र भी लिख सकते हैं।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षाओं के स्थगित होने से शैक्षणिक कैलेंडर में बाधा आएगी और हजारों छात्रों का कीमती साल बर्बाद होगा।
बता दें कि विभिन्न राज्यों के छात्रों ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा स्थगित करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
एकेके/एएनएम
Created On :   27 Aug 2020 4:30 PM IST