मप्र: ग्वालियर में कांग्रेसियों ने लगाए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लापता होने के पोस्टर, एक गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। कोरोना लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश में राजनीतिक पोस्टर वार भी शुरू हो गया है। ग्वालियर में रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुमशुदगी वाले पोस्टर उन्हीं के जयविलास पैलेस के बाहर चस्पा कर दिए। जिसके बाद सियासी हड़कंप मच गया। सिंधिया समर्थकों ने इन पोस्टर्स को फाड़ दिया और पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज कर कांग्रेस नेता सिद्धार्थ सिंह राजावत को गिरफ्तार कर लिया है।
Madhya Pradesh: Missing posters of BJP leader Jyotiraditya Scindia put up in Gwalior by Congress workers. Jyotiraditya Scindia joined BJP from Congress this year on 11th March. (24.05.20) pic.twitter.com/AXAWxkQSTn
— ANI (@ANI) May 24, 2020
सिद्धार्थ सिंह राजावत की अगुआई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के लापता होने संबंधी पोस्टर जयविलास पैलेस के अलावा शहर के महल गेट, गस्त का ताजिया सहित अन्य स्थानों पर लगाए थे। कुछ वाहनों पर भी सिंधिया की गुमशुदगी के पोस्टर चस्पा नजर आए। पोस्टर में लिखा था, कांग्रेस में रहते सिंधिया जनसेवा नहीं कर पा रहे थे, लेकिन बीजेपी में जाने के बाद भी सिंधिया जनसेवा करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। पोस्टर में लिखा है "तलाश है गुमशुदा जन सेवक की"। सिंधिया की जानकारी देने वाले को 5100 रुपये का इनाम देने का एलान भी किया गया है।
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पोस्टर लगाने की घटना का पता चलते ही बीजेपी नेताओं ने झांसी रोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पोस्टर लगाने वाले कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया और कुछ घंटों बाद ही स्थानीय कांग्रेस नेता सिद्धार्थ सिंह राजावत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
बीजेपी में जाने के बाद से नदारद हैं सिंधिया
पोस्टर लगाने वाले सिद्धार्थ सिंह राजावत प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष है। उन्होंने स्वीकार किया है कि ये पोस्टर उन्होंने ही लगाए है। उनका कहना है, राज्य में 15 साल तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जब कांग्रेस की सरकार आई तो कार्यकर्ताओं को बड़ी उम्मीद थी, मगर सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होकर सरकार को गिरा दिया।
सिंधिया खुद को जनसेवक बताते हैं और उन्होंने कमल नाथ सरकार के समय अतिथि शिक्षकों के मामले में सड़क पर उतरने की बात की थी। सिंधिया जब से बीजेपी में गए तब से नदारद हैं। आज प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरों को लौट रहे है, उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं। इन मजदूरों को चप्पल नहीं पहना सकते तो आशियाना दे सकते थे। हम तो जनसेवक का ढूंढ रहे हैं।
छिंदवाड़ा में कमलनाथ-नकुलनाथ के लापता होने के पोस्टर
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक कमल नाथ और उनके बेटे व क्षेत्रीय सांसद नकुल नाथ के लापता होने के पोस्टर लगाए गए थे। साथ ही उनका पता देने वाले को 21 हजार के इनाम का ऐलान किया गया था। कांग्रेस ने इसे भाजपा की ओछी हरकत करार दिया था।
Created On :   25 May 2020 3:16 PM IST