भंडारण के बहाने माफियाओं ने निकाला रेत बेचने का नया रास्ता

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। NGT के आदेश के बाद सरकार ने नदियों से खनन पर रोक लगा दी है। लेकिन माफियाओं ने लाखों की रेत बेचने का नया ही रास्ता निकाल दिया है।
भंडारण की परमिट के नाम पर नदियों से खनन कर रेत बेची जा रही है। रात में सक्रिय रेत माफिया नदियों में मशीन लगाकर खनन करते हैं। फिर भंडारण की रॉयल्टी के आधार पर ये रेत मार्केट में पहुंचाई जाती है। यदि पकड़ा जाए तो ट्रक संचालक इसे भंडारण की रॉयल्टी दिखाते हैंं, नहीं तो पूरी रेत बिना रॉयल्टी के पार हो रही है।
इसलिए हो रहा कारोबार
रेत खदानों से खनन के बाद सिर्फ ई-रॉयल्टी जारी की जाती है, ताकि अवैध परिवहन रोका जा सके, लेकिन भंडारित रेतों में ई-रॉयल्टी की जगह आज भी मेन्युअल रॉयल्टी से काम चल रहा है। अधिकारी हर बार कहते हैं कि खनिज ठेकेदारों द्वारा की गई भंडारित रेत की जांच की जाएगी, लेकिन अब तक एक बार भी जांच नहीं की गई। अधिकारियों को भी पता नहीं है कि भंडारण में कितनी रेत है।
10 खदान संचालकों ने ली अनुमति
जिले में 10 खदान संचालकों ने भंडारण की अनुमति ली है। लेकिन अवैध भंडारण जगह-जगह जारी है। सबसे ज्यादा चांद, सौंसर, सिंगोड़ी और चंदनगांव के आसपास भंडारण हो रहा है।
यहां बेखोफ खनन
- सिंगोड़ी के समीप बहने वाली पेंच नदी से खनन जमकर चल रहा है। यहां खकरा चौरई के पास जगह-जगह अवैध भंडारण है।
- सौंसर के रोहना खदान के आसपास भंडारण है, यहां वैध के साथ-साथ अवैध भंडारणों की संख्या सबसे ज्यादा है।
- पलटवाड़ा के अलावा चांद के चंदनगांव और बफर जोन में अवैध भंडारण हो रहा है। पेंच नदी की रेत भंडारित की जा रही है।
क्या है NGT
18 अक्टूबर 2010 को एक अधिनियम के द्वारा पर्यावरण से सम्बन्धित कानूनी अधिकारों को लागू करने एवं व्यक्तियों और सम्पत्तियों के नुकसान के लिए सहायता और क्षति-पूर्ति देने के लिए यह ट्रिब्यूनल बनाया गया। इसमें पर्यावरण संरक्षण, वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों से सम्बन्धित मामलों के प्रभावी और त्वरित निपटारे भी किए जाते हैं। इस एक्ट का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है।
Created On :   26 July 2017 10:41 PM IST